छत्तीसगढ़ में मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों को सबसे ज्यादा रोजगार देने के नाम पर वाहवाही लूटने वाले कबीरधाम जिला में मनरेगा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने..

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डॉ मिर्जा कवर्धा
छत्तीसगढ़ में मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों को सबसे ज्यादा रोजगार देने के नाम पर वाहवाही लूटने वाले कबीरधाम जिला में मनरेगा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, यहां कागज में ही तालाब बना दिए और लगभग 12लाख रुपए का फर्जी मस्टररोल भरकर राशि डकार लिए, शिकायत के बाद कार्यवाही के नाम पर अब खानापूर्ति करते हुए वसूली की कार्यवाही की जा रही है और मनरेगा एक्ट के तहत कार्यवाही नही करते हुए अपने चहेते अधिकारियों को जिला पंचायत सीईओ बचाने भरपूर प्रयास में लगे है।
विओ 1 – दरअसल ये पूरा मामला जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम पंचायत मंडमड़ा का है जहां मनरेगा योजना के तहत गांव में देवचरण के घर के पास तथा शिशुमंदिर के पास तालाब निर्माण व गहरीकरण के नाम से 12 लाख रुपए से अधिक राशि स्वीकृत हुआ था लेकिन उक्त दोनों स्थल पर कोई काम ही नहीं हुआ और रोजगार सचिव,सरपंच और इंजीनियर ने मिलीभगत कर गांव के कुछ लोगों के नाम पर लगभग 12 लाख रुपए का फर्जी मस्टररोल भरकर उनके खाते में राशि जमा करा दिए, और इस राशि को बंदरबांट किए।
मामले की जानकारी जब कुछ ग्रामीणों को हुई तो इसकी शिकायत कलेक्टर व उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से किए. इसके बाद जिला पंचायत सीईओ के द्वारा टीम बनाकर इसकी जांच कराई गई जिसमें ग्रामीणों का शिकायत सही पाया गया और लगभग 12 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा सामने आया।
इस पूरे मामले में कार्यवाही करने के नाम पर जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने कहा सरपंच,सचिव और इंजीनियर से राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही है और सरपंच को बर्खास्त करने SDM को पत्र भेजा गया है।
लेकिन इस पूरे फर्जीवाड़ा के खेल शामिल फर्जी मस्टररोल बनाने वाले व कार्य कराने के नाम पर मापपुस्तिका तैयार कर मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर सहित दोषियों पर थाने में किसी प्रकार की कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है जबकि मनरेगा अधिनियम के तहत इस तरह के कृत्य करने वाले लोगों को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर एफआईआर कराते हुए सख्त कार्यवाही का प्रावधान है।