आखिर वन विभाग के किस रेंजर ने ले लिया है ऊट वालों से जंगल को विनाश करने का ठेका ,कितने मे हुआ सेटिंग बिंदास जंगल के अंदर प्राकृतिक नये पौधौ को चर रहे है भेड बकरी
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा: कबीरधाम जिला वन क्षेत्रों से जाना जाता रहा है,जिला के आधा क्षेत्र जंगल हरे भरे साल सागौन सराई जैसे किमती वृक्ष से बोडला पंडरिया सहसपुर लोहारा के वनांचल क्षेत्र जाने जाता रहा है!पर वोट बैंक की राजनीति वनो का सबसे ज्यादा नास कर दिया है! आज वन क्षेत्र तेजी से मैदान में तब्दील हो रहा है! इसके पीछे वन अमला का उदासिन रवैया व राजनीति हावी मुख्य वजह माना जा सकता है! परिणाम जंगल का अवैध कटाई, अतिक्रमण और प्रतिबंधित क्षेत्र में भेड़ बकरी ऊंट का चारागाह बनाना ,रही सही कसर, पट्टा प्रदान करना है! इन सभी कारणों से जंगल तेजी से साफ हो रहा है! वनों की रक्षा करने वाले कोई नहीं दिखाई दें रहे हैं!अफसर, राजनीति, के आड में उदासीनता दिखा रहे हैं ! परिणाम वन दिनों दिन गायब हो रहा है!
वर्तमान समय में लोहारा बोडला पंडरिया क्षेत्र के जंगल में बडी संख्या में भेड़ बकरी ऊंट ,नया पौधा का सत्यानाश कर रहे हैं !पर जंगल के सुरक्षा करने वाले अनजान बने हैं ?
या बनाया गया है ये तो सुरक्षा तंत्र ही जानेंगे !पर सच यही है !कटना तो तय है जंगल के वृक्ष ,तभी तो होगा मैदान में तब्दील ,तभी तो होगा वन भुमि में बेयर खेती तो मिलेगा पट्टा तो कैसे बचें साल सागौन और सरई ? सुरक्षा तय करें कबीरधाम की जनता !