कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

कांग्रेस शासनकाल में जिले के हजारों लोगों से छीना गया रोजी-रोजगार: वीरेन्द्र साहूू ,तीन साल बाद भी नहीं चालू कराई जा सकी दलदली बॉक्साइट खदान

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डॉ मिर्जा कवर्धा

कवर्धा। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप जितने बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिलाया है उससे कहीं अधिक लोगों से रोजगार छीनने का काम किया है। आज प्रदेश सरकार की गलत नीति और उपेक्षा व अनदेखी के चलतेे कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक में संचालित दलदली बॉक्साइट खदान बीते करीब तीन सालों से बंद पड़ी है, लेकिन सरकार ने आज पर्यंत इस बंद खदान को प्रारंभ कराने कोई ठोस पहल नहीं की है। जिसके चलते प्रदेश व जिले के हजारों लोगों के हांथों से उनकी रोजी, रोटी और रोजगार छिन चुका है और आज भी प्रभावित लोग आर्थिक तंगियों का सामना करते हुए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उक्त बातें जिला भाजपा के महामंत्री व जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष विरेन्द्र साहू ने जारी बयान में कहीं।  साहू ने कहा कि तथा कथित रूप से वैश्विक बाजार में एल्युमिनियम की कीमत 300 यूएस डालर प्रतिटन की गिरावट होने की बात कहकर बालको प्रबंधन ने 22 मार्च 2020 को अचानक बोड़ला ब्लाक के दलदली में संचालित अपनी बॉक्साईड खदान बंद कर दी थी। कोरोना संक्रमण काल में प्रबंधन द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से कबीरधाम जिले से बॉक्साइट परिवहन में लगे करीब 650 ट्रकों के पहिए थम गए हैं। ट्रकों के न चलने से ट्रक ड्राइवर, क्लीनर, मैकेनिक समेत लोडिंग-अनलोडिंग में लगे लगभग 9 हजार मजदूर बेकाम हो गए। उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।  साहू ने बताया कि कबीरधाम जिले में दलदली खदान रोजगार का बड़ा जरिया था। इस खदान से जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर वनांचल के हजारों लोगों का रोजी रोजगार चलता था। लेकिन प्रबंधन की मनमानी और उस पर प्रदेश सरकार की गलत नीति, उपेक्षा तथा अनदेखी के चलते आज तीन साल बाद भी बॉक्साईड खदान प्रारंभ नहीं हो पाई है। जबकि आज आज कोरोना संकट काल भी समाप्त हो चुकी है और वैश्विक बाजार में एल्युमिनियम की कीमत में भी बढ़ोत्तरी हो चुकी है लेकिन बावजूद इसके खदान चालू कराने प्रदेश सरकार द्वारा रूचि न लेना समझ से परे है।

रोज 150 ट्रकों में होता था तीन हजार टन परिवहन*

जिला भाजपा महामंत्री एवं कवर्धा जनपद उपाध्यक्ष वीरेन्द्र साहू ने बताया कि दलदली खदान में कवर्धा के 650 ट्रक बॉक्साइट परिवहन में लगे थे। खदान बंद होने से पहले तक रोज 150 ट्रकों में बॉक्साइट परिवहन होता था। प्रति ट्रक 20 टन औसत वजन के हिसाब से इन ट्रकों में रोज 3 हजार टन बाक्साइट परिवहन किया जाता। यानी रोज खदान से इतनी मात्रा में बॉक्साइट निकलता था, लेकिन पिछले करीब तीन सालों से खदान बंद है।

अप्रैल 2021 में खदान शुरू करने का दिया गया था भरोसा

साहू ने बताया कि वर्ष 2020 में खदान होने के बाद इसे पुन: प्रारंभ कराने चौतरफा आवाज बुलंद की गई थी। प्रभावित ट्रक मालिक संघ से लेकर तमाम ट्रक ड्राइवर, क्लीनर, मैकेनिक समेत लोडिंग-अनलोडिंग में लगे मजदूरों ने खदान प्रारंभ कराने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के साथ ही शासन-प्रशासन से गुहार लगाई थी। जिसके बाद वर्ष 2020 में ही तात्कालिक कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बॉक्साइट खदान शुरु करने के संबंध में बालको प्रबंधन से बात की थी और इस बातचीत के बाद प्रबंधन ने अप्रैल 2021 में खदान शुरु करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मार्च 2047 तक की है बॉक्साइट खदान की लीज अवधि

साहू ने एक जानकारी के हवाले से बताया कि बोड़ला ब्लॉक के दलदली में मार्च 1997 से बॉक्साइट खोदाई शुरू की गई थी। खोदाई के लिए बालको ने यहां 626.117 हेक्टेयर जमीन लीज पर ले रखी है जिसकी लीज अवधि मार्च 2047 तक की है। बताया जाता है कि बॉक्साइट के लिए दलदली में 626.117 हेक्टेयर जमीन लीज पर है। अब तक खदान संचालन के दौरान 566 हेक्टेयर रकबे में खुदाई कर बॉक्साइट निकली गई है। अब भी करीब 60 हेक्टेयर रकबा ऐसा है, जहां पर फिलहाल खोदाई शुरू ही नहीं हुई। श्री साहू ने कहा कि कबीरधाम जिला खनिज भण्डार से परिपूर्ण है लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि प्रदेश सरकार की गलत नीतियों और ठोस रणनीति व योजनाओं के आभाव में न तो खनिज भण्डार का कोई उपयोग हो पा रहा है और न ही इसका लाभ यहां के लोगों को मिल पा रहा है। उन्होने सरकार से इस गंभीर विषय में पहल करने की मांग की है।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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