छत्तीसगढ़राजनांदगांव

नगर अध्यक्ष विधायक होते गरीबो पर मेहरबान तो खुल जाता व्यसायिक परिसर का द्वार?

0-अकील मेमन  छुरिया रिपोर्टर 

छुरिया ;- राजनांदगांव जिला के खुज्जी विधानसभा के छुरिया नगर पंचायत मे हाल ही मे भेट-मुलाकात के कार्यक्रम मे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का आगमन हुआ था नगर पंचायत के लोगो को स्थानीय विधायक नगर पंचायत अध्यक्ष से काफी उम्मीद था इस नगर के लिए मुख्यमंत्री से कोई बड़े कार्य का माँग करगे नगर के लोगो का आरोप है। ये नेता सिर्फ प्रदर्शन फोटो व तक सिमीत रहे वहीं विधायक ने सिर्फ क्षेत्रीय माँग रखा जिसे वे कभी भी अपने बचे हुए कार्यकाल मे मुख्यमंत्री से करा सकते थे आम चर्चा है उन्होंने छुरिया नगर मे मुख्यमंत्री स्लम्बन योजना का 101 दूकान के मामले मे मौन साधे रहे जानकारों के मुताबिक व्यसायिक परिसर मे हाईकोर्ट ने नियम विरुद्ध दूकान आबटन पर स्थगन आदेश दिया है । जो एक अलग मामला है। वर्तमान मे 101 दूकान का मामला संभाग आयुक्त दूर्ग के समक्ष जाँच प्रक्रीया मे है। अगर स्थानीय विधायक व नगर अध्यक्ष का मंशा नगर के प्रभावित दूकानदार के लिए कुछ भला करने सहानुभूति होता तो मुख्यमंत्री के समक्ष इस समस्या को रखते मुख्यमंत्री चाहे तो प्रकरण को राज्य सरकार के पास मगवा का इन्हें विषेशअधिकार होता है ।उस पर जब तक निर्माण संम्बंध कागजात का जाँच नहीं पूरा होता जाए तब तक जनहित मे दूकानदार को दूकान 30 वर्ष के लिए दूकानें लिज मे देने का निर्देश कर सकते है।जिससे वर्तमान मे जिन दूकानदार को मजबूर सड़क मे रोजगार कर अपने परिवार का पालन पोषण करना पड़ रहा है एक अच्छा रास्ता निकला जा सकता था

सत्ता दल के नेताओं का आपस मे एक दूसरे का टाग खिचना नगर व पार्टी को गर्त मे ले जा रहा है?

राजनांदगांव जिला मे सत्ता दल के जनप्रतिनिधि निगम या अन्य विभाग से सरकार द्वारा बनाए गए सदस्यों व अध्यक्ष पर आम लोगो का मत है वर्तमान मे जो हालात है। इन नेताओं काआपस मे ही ताल मेल ठीक नहीं कोई किसी नेता को हेलीपैड मे या मुख्यमंत्री के स्वागत साथ मे भोजन करने से वंचित रखने पूरा ताकत झोक देते है।कोई नेता सिर्फ पोस्टरबाजी और फोटो खिचाकर कर फेशबुक व शोशल मिडिया मे चलवा कर खुश है ।इन्हें इस बात का एहसास नही है बिते खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव मेअगर मुख्यमंत्री स्वयं मोर्चा नहीं सम्हालते तो हालात क्या होता प्रदेश सारे आला नेता वआम काग्रेस का नेता भलीभांति समझ रहा है। वरिष्ठ काग्रेसजनो का माने तो सत्ता दल के नेता जनप्रतिनिधि स्वयं के मेहनत से आगे सरकार बनना नही चाहते ये नेता सिर्फ

भेट-मुलाकात व मुख्यमंत्री के लोकप्रियता के भरोसेअगला सरकार बनना चाहते है। जिसे हाल ही मे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जिला का दौरा कर सारे हालात को समझ चुके है ।समय आने पर जब पत्ता खुलेगा तब ऐसे तथाकथित नेताओं के पैर से जमीन खसक चुका होगा समय रहते नेताओं को अपने आचार व्यवहार जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं व आम जनता के लिए सरल होना पड़ेगा

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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