आबकारी विभाग और आधिकारी जागे कुंभकर्णी नींद से, कलेक्ट के आदेश के बाद विभाग हरकत् में
सैय्या भये कोतवाल तो अब डर काहे का के तर्ज पर काम कर रहा विभाग, आबकारी विभाग में चल रहा है सब गोलमाल, आखिर शिकायत करे भी तो किससे,
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश के बाद अब आबकारी विभाग और उसके आधिकारी अवैध शराब परिवहन चखना सेन्टर शराब पिलाने वाले होटल और ढाबा के खिलाफ आबकारी एक्ट 36/C 36/K का 60 प्रकरण बनाए गये इसके पहले आबकारी विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया था जिसे कलेक्टर ने जगाया। अब सवाल ये उठता है के पिछले कई वर्षो से आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का वनवास हो गया था या इनके जुबान और कलम में ताला लग गया था आखिर किसके कहने पर विभागीय जाँच को छोड़कर मौन और खामोश हो गये थे कही ये राजनीति खौफ तो नही था।
” रख हौसला वो मंजर भी आयेगा “
“प्यासे के पास चलकर जाम का समुंदर भी आयेगा”
“थक कर ना बैठ ऐ जाम के मुसाफिर”
“वो मंजिल भी मिलेगी और पीने का मजा भी आयेगा“
आबकारी विभाग व अधिकारी के इस मिशन को हम सक्रियता समझे या मजबूरी लेकिन उन बीते हुए वर्षों का क्या जिसमे विभाग और आधिकारी निष्क्रिय बनकर कुंभकरणीय नींद में सोये हुए थे।
अब आगे देखना होगा कि विभाग और उसके अधिकारी आगे सक्रिय रहेंगे या फिर उसी मांद मे जाकर आराम करेंगे।