जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दी आगामी नेशनल लोक अदालत की जानकारी, 16 दिसंबर 2023 को कवर्धा में होगी लोक अदालत ,क्या है लोक अदालत और इसकी कार्य प्रणाली ? ,पूरी जानकारी के लिए पढ़े खबर और देखे प्रेस वार्ता की वीडियो
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा ,
शुक्रवार 24 दिसंबर को जिला न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने प्रेस कांफ्रेंस किया, उन्होंने जानकारी दी की आदर्श आचार संहिता की वजह से 9 दिसंबर को होने वाली लोक अदालत जो की स्थगित हो गई थी वह अब 16 दिसंबर को लगाई जाएगी और लोक अदालत के मध्यम से यह कार्यवाही होनी है, जहां पर सभी सिविल और कंपाउंडेड क्रिमिनल केसेज/मामलों पर निराकरण किया जाएगा।
बताते चले कि लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है। सभी प्रकार के सिविल वाद तथा ऐसे क्रिमिनल अपराधों को छोड़कर जिनमें समझौता वर्जित है, सभी आपराधिक मामले भी लोक अदालतों द्वारा निपटाए जा सकते हैं। लोक अदालत में समझौते के माध्यम से निस्तारित मामले में अदा की गयी कोर्ट फीस लौटा दी जाती है।
लोक अदालत के जरिए हर तरह के मामले को कोर्ट में पेंडिंग हैं और राजीनामा/समझौता के जरिए सुलझाए जा सकते है उन सभी का निराकरण किया जा सकता है।
न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने लोक अदालत के जरिए निराकरण हुए मामलो के बारे में बात करते हुए कहा की सबसे बड़ी बात यह है की राजीनामा/समझौता के जराइए दोनो पार्टियों के बीच कोई गलत भाव नहीं आते व साथ ही सद्भावना बनी रहती है और सिविल केसेज के मामलो में न किसी की हार और न ही किसी की जीत बल्कि मामला राजीनामा के जरिए निपटा दिया जाता है और जो कोर्ट फीस होती है वह दो माह के भीतर लौटा दी जाती है ।
न्यायपालिक व्यवस्था में भी लोक अदालत एक सक्रिय भूमिका निभाता है जहा तालुका स्तर से सुप्रीम कोर्ट तक लगाया जाता है और सम्पूर्ण देश में सभी प्रदेशों में लोक अदालत के जरिए न्यायलय में पेंडिंग केसेज (जिनमे राजीनामा वर्जित ना हो) जैसे रेवेन्यू, लैंड, और सभी सिविल व कंपाउंडेड क्रिमिनल मामलो का निराकरण राजीनामा/समझौता के जरिए कराया जाता है ।