खतरे का बादल मंडराया कवर्धा नगर पालिका के छत के ऊपर… बहोत जल्द हो सकता है नगर पालिका अध्यक्ष का इस्तीफा.. नगर पालिका अधिनियम 37/2 में शासन को नियुक्ति करने का अधिकार है…
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डॉ मिर्जा कवर्धा
बता दे की छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिणाम आने के पश्चात भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की स्थिति में नगर पंचायत नगर पालिका नगर निगम में कांग्रेस समर्थित अध्यक्षों के ऊपर राजनितिक गाज का गिरना चालू हो गया है पक्ष और विपक्ष के असंतुष्ट पार्षदों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है इसे यह साबित होता है भाजपा की सरकार बनने के स्थिति को देखते हुए पाषर्दगण भी अपना रुख बदल रहे हैं राजधानी रायपुर से लेकर हर जिला के नगर पालिका और नगर पंचायत में और विश्वास प्रस्ताव का सिलसिला जारी हो चुका है नाराज पाषर्दगण अब अपना विरोध खुलकर दिखाते नजर आ रहे हैं इसी तारतम्य में कवर्धा नगर पालिका भी अछूता नहीं रहा है नगर पालिका के कार्य प्रणाली से असंतुष्ट और नाराज पाषर्दगण के द्वारा पूर्व मंत्री को शिकायत कर नए अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव लाया जा रहा है।
फिलहाल मौसम के खराबी के साथ- साथ कवर्धा नगर पालिका के हालत भी बिगड़ते नजर आ रहा है लोग तरह-तरह के बातें कर रहे हैं भाजपा के सरकार बनने के बाद या तो नगर पालिका में कोई अध्यक्ष बैठ सकता है या शासकीय अधिकारी के नेतृत्व में भी नगर पालिका का संचालन हो सकता है …नगर पालिका अधिनियम 37/2 में शासन को नियुक्ति करने का अधिकार है
अब देखना है आने वाले समय में नगर पालिका कवर्धा के अध्यक्ष का कुर्सी का फैसला किस करवट बैठता है।