युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के अवसर पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने स्वामी विवेकानंद एकेडमी का किया गठन, जिले के हजारों छात्र-छात्राओं को स्वामी विवेकानंद के विचारधाराओं, विचारों को लेकर लक्ष्य के प्राप्ति, राष्ट्र निर्माण में युवओं का योगदान के बारे बताया जाएगा
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा। युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कबीरधाम पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषके पल्लव ने स्वामी विवेकानंद एकेडमी का शुभारंभ किया। स्वामी विवेकानंद एकेडमी में कबीरधाम पुलिस द्वारा संचालित किया जाएगा। इस एकेडमी में स्वामी विवेकानंद के विचारधाराओं, स्वामी विवेकानंद के विचारों को लेकर लक्ष्य के प्राप्ति, राष्ट्र निर्माण में युवओं का योगदान के बारे बताया जाएगा। इसके साथ ही सुदूर वनांचल क्षेत्र सहित जिले के छात्र-छात्राओं एवं बेरोजगार अभ्यर्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग, जो पुलिस, आर्मी, बीएसएफ एवं अन्य फोर्स में भर्ती होने की इच्छा रखते हैं, उनके लिए भी स्वामी विवेकानंद एकेडमी का शुभारंभ किया है। शुभारंभ के अवसर पर कबीरधाम जिले के पुलिस अधिकारी, सुदूर वनांचल क्षेत्र से आए हुए सैकड़ों की संख्या में युवा उपस्थित थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि स्वामी विवेकानंद एकेडमी में राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान, स्वामी विवेकानंद जी के आर्दशों, विचारों के साथ-साथ अभ्यर्थियों को पूर्णता शारीरिक प्रशिक्षण एवं लिखित परीक्षा की निःशुल्क तैयारी के लिए प्रशिक्षण देकर फोर्स विभाग में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानन्द राष्ट्र निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका युवाओं का योगदान को मानते थे उनके अनुसार युवा ही राष्ट्र का भावी कर्णधार है। उनका कहना था कि यदि मुझे सौ ऐसे युवक मिल जाए तो पुरी निष्ठा, एकाग्रता, निस्वार्थ भाव से मेरे साथ काम करे तो मैं इस भारत का काया ही पलट दूंगा। इन्ही आदर्शो को मानते हुए जिले के युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद एकेडमी का गठन किया गया है।
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो आम जनता की मदद करे
पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं में शारीरिक शक्ति और समाज सेवा का भाव होने के साथ-साथ बौद्धिक संधान पर भी बल दिया ताकि युवा दोनों प्रकार की दुनिया को भलीभांति समझ सके। उन्होंने सभी के लिए शिक्षा की बात करते हुए कहा, शिक्षा कोई जानकारियों का बंडल नहीं जो दिमाग में रख दिया जाए और जिंदगी भर परेशान करते रहे। हमें तो ऐसे विचारों को संजोना है जो समाज निर्माण, व्यक्ति निर्माण, चरित्र निर्माण करे। उन्होंने एक राष्ट्रीय शिक्षा व्यवस्था की बात कही जिसमें भौतिक और आध्यात्मिक शिक्षा देश के लोगों के हाथों में हो और राष्ट्रीय चिंतन के आधार पर हो। उन्होंने भारत के पुनर्निर्माण में शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो आम जनता की मदद करे और वह जीवन में संकटों से निपटने में मददगार बने, चरित्र निर्माण करे, परोपकार का भाव जगाए और सिंह की भांति साहस प्रदान करे।
चार क्षेत्रों में युवाओं से संधान करने के लिए कहा
पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित युवाओं को बताया कि स्वामी विवेकानंद ने चार क्षेत्रों में युवाओं से संधान करने के लिए कहा। इसके माध्यम से वे व्यक्ति और राष्ट्र की सामूहिक चेतना को जगाना चाहते थे। उन्होंने इस भारत के सभ्यतागत मूल्यों पर पूरी आस्था बनाए रखी और युवाओं से राष्ट्र पुनर्निर्माण की अपील की। उनके सपनों का भारत एक ऐसी भूमि और समाज था, जहां मानव मात्र का सम्मान और स्वतंत्रता होने के साथ-साथ प्रेम, सेवा और शक्ति का भाव भी हो।