छत्तीसगढ़

खुज्जी विधानसभा मे काग्रेंस नेता पार्टी के लिए नहीं आने वाले चुनाव मे टिकीट के चाहत से क्षेत्र मे शक्रीय

0- अकील मेमन छुरिया रिपोर्टर 

छुरिया ;- -छत्तीसगढ़ प्रदेश मे काग्रेंस का एक मजबूत सरकार है जिसका चार वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है,आने वाले एक वर्ष बाद विधानसभा चुनाव होना तय है। प्रदेश मे काग्रेस के पास सबसे लोकप्रिय ताकतवर चेहरा के रूप मे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उभरे है। उनके द्वारा प्रदेश मे चलाए जा रहे जनहित वाले कार्य किसानों के किए गए महात्वपूर्ण फैसले प्रदेश मे पुनःकाग्रेस सरकार बनाने के लिए काफी है। छत्तीसगढ़ मे खुज्जी विधानसभा एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहाँ वर्तमान मे विधायक काग्रेंस से है। और उनके प्रयास से यहाँ सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल भी रहा है। अभी विधानसभा चुनाव एक वर्ष बाकी है ।मगर आम चर्चा है स्थानीय विधायक का आने वाले विधानसभा चुनाव मे टिकीट कटना है । ये मानकर टिकीट का सपना पाल विधानसभा मे शक्रीय है ऐसे दावेदार को सरकार व पार्टी से कोई लेना देना है। ये अलग बात है स्थानीय काग्रेंस के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता विधायक से सतुंष्ट नहीं है ।कारण वे निष्ठावान नेताओं कार्यकर्ता को सम्मान देने के बजाए चापलूस फुलछाँप नेताओं को तव्वजो देना है।उसके चलते यहाँ सत्ता दल के नेता विधायक के लिए अन्दर से काफी खपा है । वर्तमान मे सता दल के नेता यहाँ कई गुटों मे बटे हुए है ।आगामी विधानसभा चुनाव काग्रेस के लिए एक चुनौती से कम नही होगा *नगर अध्यक्ष का कार्यकाल भविष्य मे काग्रेस को नूकसान पहुंचा सकता है ?* छुरिया नगर मे सिन्हा परिवार की बहू नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर है उनका यह दूसरा कार्यकाल है जो काफी विवादित माना जा रहा है, उन पर कई गभ्भीर आरोप लगे है ।इसके चलते माना जा रहा है।आगामी विधानसभा चुनाव मे काग्रेंस पार्टी को नूकसान हो सकता है ।उनका कार्यकाल पार्टी को से ज्यादा स्वयं को मजबूत करना का उद्देश्य लेकर चल रहे है। *पूर्व विधायक प्रकाश यादव* जिनका काग्रेस पार्टी मे जिला ही नही प्रदेश के आला नेताओं मे खासा प्रभाव ।वर्तमान मे उनका राजनीति मे शक्रीयता विधानसभा चुनाव के दावेदारी के रूप मे नही बल्कि खुज्जी विधानसभा मे बिखरता काग्रेंस को मजबूत व कार्यकर्ताओं को एकजुट करना उनका उद्देश्य दिख रहा है।उनके पुत्र *विपिन यादव* जो वर्तमान मे जनपद सदस्य है ।राजनीति गलियारों मे उन्हें भी विधानसभा के दावेदार के रूप मे देखा जा रहा है। खुज्जी विधानसभा के पूर्व विधायक *भोलाराम साहू* उन्होंने खुज्जी के राजनीति मे विधायक पद का एक लम्बा सफर तय किया है।शारिरीकअस्वस्थता के चलते कुछ समय वे शक्रीय राजनीति से दूर रहे है ।वर्तमान मे वे खुज्जी विधानसभा मे पुनः शक्रीय दिख रहे है ।उनके अगला राजनीतिक रणनीति क्या होगा समझ पाना मुश्किल काम है। काग्रेस के युवा नेता *तरुण सिन्हा* जो वर्तमान मे खुज्जी विधानसभा मे काफी शक्रीय है। क्षेत्र मे युवाओं के बीच वे काफी लोकप्रिय है। विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा लेकर वे राजनीति मे शक्रीय है ।आने वाले विधानसभा चुनाव मे इनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा वर्तमान मे आकलन लगाना मुश्किल है ।राजनीति सूत्रों से खबर है। तरुण सिन्हा के राजनीतिक सफर व टिकीट लाने मे सबसे बड़ा काटा उनके भाभीजी जो नगर अध्यक्ष है उन्हें माना जा रहा है ।वे भी विधानसभा टिकीट के दावेदारों मे से एक है ।खुज्जी विधानसभा मे सिन्हा परिवार का सबसे ज्यादा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप मे विधायक को माना जाता रहा है। उसका खास वजह नगर अध्यक्ष विधानसभा टिकीट का सपना पाले हुए है। उनके देवर तरुण सिन्हा विधानसभा चुनाव मे टिकीट के प्रबल दावेदार है । कुल मिलाकर एक घर दो दावेदार किसके लिए खुलेगा टिकीट का द्वार कह पाना मुश्किल है। आगामी खुज्जी विधानसभा चुनाव मे वर्तमान विधायक का टिकीट काटने का चर्चा बेतुका है।काग्रेंस पार्टी के पास कोई खास वजह हो तो बात अलग हझ अभी ये मामला गर्भ में छिपा हुआ है।मगर यह सच है। विधानसभा मे आधा दर्जन नेता टिकीट के कतार मे है। अगर इन दावेदारो को काग्रेंस से टिकीट नही मिला तो यहाँ काग्रेस भाजपा दोनो पार्टी मे एक परमपरा है। सारे दावेदार एक होकर विधानसभा प्रत्याशी को निपटाने मे लग कर पार्टी से भीतरधात करते है। ऐसे हालात मे काग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव जितना बहोत मुश्किल काम होगा वर्तमान मे यहाँ सत्तादल के नेता पार्टी को मजबूत करने में कम आने वाले विधानसभा चुनाव मे टिकीट पाने के मकसद से ज्यादा शक्रीयता है । विधानसभा मे पार्टी अगर पुनःवर्तमान विधायक को टिकीट देती है।तो चुनाव मे काग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ भीतरधात होना तय है । पूर्व ब्लाक अध्यक्ष वर्तमान जनपद सदस्य जो *चुम्मन साहू* समाज से आते है ।वे भी टिकीट के एक प्रबल दावेदार के रूप मे देखा जा रहा है । *ब्लाक काग्रेस कमेटीअध्यक्ष के रवैये से पार्टी कार्यकर्ताओं मे आक्रोश?* खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के निष्ठावान काग्रेस के कार्यकर्ताओं का माने तो छुरिया ब्लाक काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का कार्य आने वाले समय पर विधायक व कार्यकर्ताओं के बीच दूरी बनना वाला माना जा रहा है।आरोप है। खुज्जी विधानसभा मे हाल ही मे मुख्यमंत्री के भेट-मुलाकात आयोजन मे जीस तरीके से स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं का उनके द्वारा उपेक्षा किया गया उसे लेकर सत्तादल के नेता व कार्यकर्ताओं मे जमकर आक्रोश है ।बताते है छुरिया वअम्बागढ़ चौकी मे ब्लाक काग्रेंस कमेटी अध्यक्ष छुरिया के मुख्यमंत्री का स्वागत व मुलाकात का जो लिस्ट सौपा था खबर है।सूनोयोजित तरीके से उक्त सूची मे पूर्व विधायको काग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नाम गायब था आरोप है ।विधायक और कार्यकर्ताओं के बीच दूरी पैदा कर खाई खोदने वाला कृत्य है । वरिष्ठजनो का कहना है विधायक को समय रहते इस गेम को समझना होगा विधायक छुरिया ;- -छत्तीसगढ़ प्रदेश मे काग्रेंस का एक मजबूत सरकार है जिसका चार वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है,आने वाले एक वर्ष बाद विधानसभा चुनाव होना तय है। प्रदेश मे काग्रेस के पास सबसे लोकप्रिय ताकतवर चेहरा के रूप मे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उभरे है। उनके द्वारा प्रदेश मे चलाए जा रहे जनहित वाले कार्य किसानों के किए गए महात्वपूर्ण फैसले प्रदेश मे पुनःकाग्रेस सरकार बनाने के लिए काफी है। छत्तीसगढ़ मे खुज्जी विधानसभा एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहाँ वर्तमान मे विधायक काग्रेंस से है। और उनके प्रयास से यहाँ सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल भी रहा है। अभी विधानसभा चुनाव एक वर्ष बाकी है ।मगर आम चर्चा है स्थानीय विधायक का आने वाले विधानसभा चुनाव मे टिकीट कटना है । ये मानकर टिकीट का सपना पाल विधानसभा मे शक्रीय है ऐसे दावेदार को सरकार व पार्टी से कोई लेना देना है। ये अलग बात है स्थानीय काग्रेंस के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता विधायक से सतुंष्ट नहीं है ।कारण वे निष्ठावान नेताओं कार्यकर्ता को सम्मान देने के बजाए चापलूस फुलछाँप नेताओं को तव्वजो देना है।उसके चलते यहाँ सत्ता दल के नेता विधायक के लिए अन्दर से काफी खपा है । वर्तमान मे सता दल के नेता यहाँ कई गुटों मे बटे हुए है ।आगामी विधानसभा चुनाव काग्रेस के लिए एक चुनौती से कम नही होगा

 

*नगर अध्यक्ष का कार्यकाल भविष्य मे काग्रेस को नूकसान पहुंचा सकता है ?*

 

छुरिया नगर मे सिन्हा परिवार की बहू नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर है उनका यह दूसरा कार्यकाल है जो काफी विवादित माना जा रहा है, उन पर कई गभ्भीर आरोप लगे है ।इसके चलते माना जा रहा है।आगामी विधानसभा चुनाव मे काग्रेंस पार्टी को नूकसान हो सकता है ।उनका कार्यकाल पार्टी को से ज्यादा स्वयं को मजबूत करना का उद्देश्य लेकर चल रहे है। *पूर्व विधायक प्रकाश यादव* जिनका काग्रेस पार्टी मे जिला ही नही प्रदेश के आला नेताओं मे खासा प्रभाव ।वर्तमान मे उनका राजनीति मे शक्रीयता विधानसभा चुनाव के दावेदारी के रूप मे नही बल्कि खुज्जी विधानसभा मे बिखरता काग्रेंस को मजबूत व कार्यकर्ताओं को एकजुट करना उनका उद्देश्य दिख रहा है।उनके पुत्र *विपिन यादव* जो वर्तमान मे जनपद सदस्य है ।राजनीति गलियारों मे उन्हें भी विधानसभा के दावेदार के रूप मे देखा जा रहा है। खुज्जी विधानसभा के पूर्व विधायक *भोलाराम साहू* उन्होंने खुज्जी के राजनीति मे विधायक पद का एक लम्बा सफर तय किया है।शारिरीकअस्वस्थता के चलते कुछ समय वे शक्रीय राजनीति से दूर रहे है ।वर्तमान मे वे खुज्जी विधानसभा मे पुनः शक्रीय दिख रहे है ।उनके अगला राजनीतिक रणनीति क्या होगा समझ पाना मुश्किल काम है। काग्रेस के युवा नेता *तरुण सिन्हा* जो वर्तमान मे खुज्जी विधानसभा मे काफी शक्रीय है। क्षेत्र मे युवाओं के बीच वे काफी लोकप्रिय है। विधानसभा चुनाव लड़ने का इरादा लेकर वे राजनीति मे शक्रीय है ।आने वाले विधानसभा चुनाव मे इनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा वर्तमान मे आकलन लगाना  मुश्किल है ।राजनीति सूत्रों से खबर है। तरुण सिन्हा के राजनीतिक सफर व टिकीट लाने मे सबसे बड़ा काटा उनके भाभीजी जो नगर अध्यक्ष है उन्हें माना जा रहा है ।वे भी विधानसभा टिकीट के दावेदारों मे   से एक है ।खुज्जी विधानसभा मे सिन्हा परिवार का सबसे ज्यादा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप मे विधायक को माना जाता रहा है। उसका खास वजह नगर अध्यक्ष  विधानसभा टिकीट का सपना पाले हुए है। उनके देवर तरुण सिन्हा विधानसभा चुनाव मे टिकीट के प्रबल दावेदार है । कुल मिलाकर एक घर दो दावेदार किसके लिए खुलेगा टिकीट का द्वार कह पाना मुश्किल है। आगामी खुज्जी विधानसभा चुनाव मे वर्तमान विधायक का टिकीट काटने का चर्चा बेतुका है।काग्रेंस पार्टी के पास कोई खास वजह हो तो बात अलग हझ  अभी ये मामला गर्भ में छिपा हुआ है।मगर यह सच है। विधानसभा मे आधा दर्जन नेता टिकीट के कतार मे है। अगर इन दावेदारो को काग्रेंस से टिकीट नही मिला तो यहाँ काग्रेस भाजपा दोनो पार्टी मे एक परमपरा है। सारे दावेदार एक होकर विधानसभा प्रत्याशी को निपटाने मे लग कर पार्टी से भीतरधात करते है। ऐसे हालात मे काग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव जितना बहोत मुश्किल काम होगा वर्तमान मे यहाँ सत्तादल के नेता पार्टी को मजबूत करने में कम आने वाले विधानसभा चुनाव मे टिकीट पाने के मकसद से ज्यादा शक्रीयता है ।  विधानसभा मे पार्टी अगर पुनःवर्तमान विधायक को टिकीट देती है।तो चुनाव मे काग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ भीतरधात होना तय है । पूर्व ब्लाक अध्यक्ष वर्तमान जनपद सदस्य जो *चुम्मन साहू* समाज से आते है ।वे भी टिकीट के एक प्रबल दावेदार के रूप मे देखा जा रहा है ।

 

*ब्लाक काग्रेस कमेटीअध्यक्ष के रवैये से पार्टी कार्यकर्ताओं मे आक्रोश?*

 

खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के निष्ठावान काग्रेस के कार्यकर्ताओं का माने तो छुरिया ब्लाक काग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का कार्य आने वाले समय पर विधायक व कार्यकर्ताओं के बीच दूरी बनना वाला माना जा रहा है।आरोप है।

 

खुज्जी विधानसभा मे हाल ही मे मुख्यमंत्री के भेट-मुलाकात  आयोजन मे जीस तरीके से स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं का उनके द्वारा उपेक्षा किया गया उसे लेकर सत्तादल के नेता व कार्यकर्ताओं मे जमकर आक्रोश है ।बताते है छुरिया वअम्बागढ़ चौकी मे ब्लाक काग्रेंस कमेटी अध्यक्ष छुरिया के मुख्यमंत्री का स्वागत व मुलाकात का जो लिस्ट सौपा था खबर है।सूनोयोजित तरीके से उक्त सूची मे पूर्व विधायको काग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नाम गायब था आरोप है ।विधायक और कार्यकर्ताओं के बीच दूरी पैदा कर खाई खोदने वाला कृत्य है । वरिष्ठजनो का कहना है विधायक को समय रहते इस गेम को समझना होगा  विधायक का अगला राजनीतिक सफर मे ब्लॉक काग्रेस कमेटी अध्यक्ष का कार्य भविष्य मे  राजनीतिक संकट पैदा कर सकता है।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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