मुद्दा : विधायक भावना बोहरा ने छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई, कहा कि राजभाषा का दर्जा भी डा.रमन सिंह ने ही दिलाया था..
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा, भाजपा विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह के उस बयान की तारीफ की है जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता से 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा की ओर से भरपूर प्रयास करने का वादा किया है.
भावना बोहरा ने कहा कि यह मामला काफी दिनों से केंद्र सरकार में लंबित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जा चुका है जिसमें राज्य की तीन करोड़ जनता की भावनाओं के अनुरूप त्वरित और सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया गया है. उन्होंने याद दिलाया कि डा. रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने 28 नवंबर 2007 को विधानसभा में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा देने के लिए विधेयक पारित कराया था. मुझे पूरा विश्वास है कि विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी वे सफलतम प्रयास करेंगे. हम सब उनके साथ हैं.
1890 में प्रकाशित हुआ था व्याकरण
छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था, जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्घ भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था, जो सन 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था। छत्तीसगढ़ का विपुल और स्तरीय साहित्य उपलब्ध है। इसमें निरंतर वृद्घि हो रही है ।