वक्त है वक्त पर भारी और कांग्रेसी पार्षद कर रहे हैं पार्टी बदलने की तैयारी.. भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस शासनकाल के अध्यक्ष और पार्षदों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, नगर पालिका में चल रहा है गजब का खेल देखते हैं कितने पास और कितने फेल :- कैलाश चंद्रवंशी भाजपा जिला उपाध्यक्ष
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद जहां अधिकारियों की फेर बदल का एक बड़ा मुहिम चला वही अब कवर्धा के नगर पालिका में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है जहां अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद अब कुछ पार्षद इस्तीफा देते नजर आ रहे तो कुछ कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में अपने प्रवेश की चाह रखते हुए भाजपा प्रवेश कर रहे .. क्यो भई ?
भाजपा जिला उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी ने कांग्रेस शासन सत्ता के समय नगर पालिका अध्यक्ष के साथ 21 पार्षदों के ऊपर लगाया आरोप उन्होंने कहा की सत्ता कांग्रेस की जैसे ही समाप्त हुई तो कांग्रेस के अध्यक्ष सहित कुछ पार्षद जो सप्लाई करप्शन में जो लगे हुए थे उनकी दुकानदारी बंद हो गई है ऐसे में नगर पालिका अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि बीजेपी के इस शासन काल में करप्शन करना संभव नहीं था जिसके कारण नगर पालिका अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा और साथ ही कुछ बिहारी बाबू पार्षद से लेकर सिंगार और बर्तन वाले के साथ कुछ तथाकथित और पार्षद गण जो भ्रष्टाचारी में लिप्त थे उनको लगा कि अब इस भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचारी करना संभव नहीं है तो ऐसे में कुछ पार्षद अपने पद से इस्तीफा दे दिए तो कुछ पार्षद बीजेपी में प्रवेश कर लिए देखने वाली बात यह है 21 पार्षदों कांग्रेस के होते हुए भी शहर के विकास के लिए क्या कांग्रेस शासन काल में इनके मन में और दिल में जनता जनार्दन के लिए सेवा का भाव नहीं था कुछ ऐसा ही है क्योंकि जिनको भ्रष्टाचारी करना है वह जनता जनार्दन की और कवर्धा के विकास के लिए नहीं सोचता जिसके परिणाम स्वरूप आज यह नजारा देखने को मिल रहा है यह बहुत दुखद है… क्योंकि विपक्ष में रहते हुए हमने भी बहुत संघर्ष किया है धरना प्रदर्शन से लेकर झूठे मामलों में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और मुझे खुद भी फसाकर जेल भेजा गया तो उसे वक्त हमने जनता जनार्दन के लिए उनके हक के लिए बिना स्वार्थ के लड़ाई लड़ा उस समय तो हमने जनता की हक के लिए उनको न्याय दिलाने के लिए कहीं पीछे नहीं रहा कभी डरे नहीं फिर आज भाजपा के शासन में ऐसे अवसर वादी कांग्रेस के नेता कैसे अपनी जवाबदारी से भागते नजर आ रहे हैं।
जिंदगी भर गलिब एक भूल करता रहा.. चेहरे पर दाग था और आईना साफ करता रहा
ये जान कर बड़ा आश्चर्य होता है की ये कैसी राजनीति का प्रदर्शन देखने को मिल रहा जहा नेता सिर्फ सत्ता सरकार में ही जन सेवा का भाव रखता है और विपक्ष में आते ही मौका न मिल पाने, खुल कर सेवा ना कर पाने जैसे खोखले जवाबों से अपनी छवि साफ रख कर फिर नई सत्ता का भोग चखने पर अग्रसर नजर आता है ।
वही जिला भाजपा उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी ने भी अपने बयान में यह साफ कर दिया की कांग्रेसी पार्षद अपने शासन काल में सिर्फ सप्लाई कमीशन और करप्शन की दौड़ में मशगूल थे और अब नए शासन के कड़े और पारदर्शी रवैया से खुद को मुस्किल में पाते देख पार्टी छोड़ अपना इस्तीफा दे रहे हैं ।
सवाल उठता है उस हर एक जनप्रतिनिधि पे जो यह कहता है की जनता की सेवा ना कर पाने या पार्टी में महत्व न मिलने की वजह से वह इस्तीफा दे रहे तो ऐसे जनप्रतिनिधियों ने यह कदम उस वक्त क्यों नही उठाया जब वे सरकार में थे जनता के बीच अपनी बात तब क्यों नही लाई जब वह उस दायित्व का निर्वहन कर रहे थे ..
यह स्पष्ट है की ऐसे जन प्रतिनिधि जो भले ही वर्षो का राजनीतिक तजुर्बा रखते हो या नए हो परंतु जन सेवा के लिए समर्पित या भरोसेमंद नजर नही आ रहे…
जनता सवाल करती है उन सभी जनप्रतिनिधियों से जिन्होंने जनसेवा के भाव से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया जो सत्ता का भोग चखने के बाद अब विपक्ष में खुद को लाचार बता रहे, और यह बात सच मालूम होती नजर आ रही है की कमीशन और करप्शन की दुकान बंद होता देख ऐसे नेता मैदान छोड़ कर भागते नजर आ रहे या खुद भाजपा में मिल कर सत्ता का आनंद लेते रहना चाह रहे …