मै पैरो से नही हौसलो से चलना चाहती हूं-क्रातिबजारे
0- अकील मेमन छुरिया रिपोर्टर
छुरिया ;-आप सबके आशीर्वाद और दुवाओ का असर है
कि आपरेशन के बाद मै जल्द स्वास्थ्य होकर पुनः भारतजोडने निकल पड़ी हूं
जब मै कैम्प आई तो सारे लोगो ने कहा रेस्ट करो अपना ध्यान रखो
तो एक पल के लिए मुझे भी लग मैं कैसे इतने जल्दी चल पढ़ूंगी अभी तो मेरे धाव भरे भी पर नही है !
इस यात्रा मे हमारे नेता मा. राहूल जी है जो हमारी हर तकलिफो व परेशानियों को छोटी से छोटी बातो को ध्यान मे रखते है पिता तुल्य मा.दिग्विजयसिह जी है जो हर सुबह शाम मुझे पुछते है बेटा तुम ठिक हो कैसी तबियत है मै हुं ना कुछ नही होगा अब तुम ठिक हो, मेरे साथ हरपल साथ देने वाली बहेन आशिका है जो मुझे कब खाना खाना है और खाने मे क्या खाना है समय पर दवाई खाना है कब मुझे क्या जरूरत पड सकती है इसका पुरा ख्याल रखती है !
और यहा भारतजोडने निकले सारे मेरे सहयोगी है जो 4 महिने से अपने परिवार से दूर होने के बावजूद परिवार की कमी भी महसूस होने नही देते है पर परिवार तो परिवार है याद आ हि जाती है……और इस तरह सारे लोग मेरे अच्छे से ख्याल रखते है
जो मेरी आत्मविश्वास की नई उड़ान को मेरे हौसलो को बनाऐ रखते है
साथ मे मेरे अपनो का आप सभी का दुआओं का असर भी तो है तो मुझे कौन सी परेशानी या मुश्किल रोक सकेगा तो बस मै..
आज से पुनः इस यात्रा का हिस्सा बनके चलने लगी हूं कन्याकुमारी से निकली थी
और काश्मीर तक इस यात्रा का हिस्सा बनके
भारत जोडने निकल पडी हूं
हमारी यात्रा राजस्थान के सवाईमाधोपुर से निकल गई है
आप सब मुझ पर आगे यात्रा के लिऐ आशिर्वाद बनाऐ रखिएगा!
भारतजोडोयात्रा
भारत_यात्री_क्रांतिबंजारे
Editor In chief
डॉ मिर्जा कवर्धा