वन्य प्राणियों की निगरानी हेतु वन विभाग की एक पहल..उनके गतिविधियों, विचरण क्षेत्र एवं रहवास की सटीक जानकारी हेतु PIP निर्माण कराया गया
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
भोरमदेव अभ्यारण्य कवर्धा अंतर्गत वन्य प्राणियों की उपस्थिति एवं उनके गतिविधियों विचरण क्षेत्र रहवास की सटीक जानकारी एवं निगरानी हेतु प्रत्येक परिसर में PIP निर्माण कराया गया है। PIP का अर्थ पग इंप्रेशन पैड है अर्थात जब कोई वन्य प्राणी इस PIP के ऊपर से गुजरता है तो उसके पद की छाप PIP पर पड़ जाती है।PIP का निर्माण बारीक भुरभुरी मिट्टी को धरती पर बिछाकर किया जाता है। इसका निर्माण गस्ती मार्ग या पगडंडियों पर किया जाता है जहां अधिक से अधिक वन्य प्राणियों के गुजरने की संभावना हो। प्रत्येक परिसर में तीन चार या अधिक आवश्यकता अनुसार pip का निर्माण किया गया है। अधिकांश वन्य प्राणी निशाचर होते हैं इसलिए प्रतिदिन प्रातः काल pip से गुजरे हुए वन्य प्राणियों की जानकारी एक निर्धारित पंजी में इंद्राज की जाती है एवं उसके फोटोग्राफ्स भी लिए जाते हैं। किसी विशेष वन्य प्राणी की उपस्थिति के संबंध में प्राथमिक सूचना भी इसी pip के माध्यम से ही प्राप्त होती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि pip से एकत्र की गई जानकारी वन्य प्राणियों के प्रबंधन एवं उनकी विशेष निगरानी की योजना बनाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है।