कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

4 साल का झूठ दिखाकर गौरव दिवस मना रही कांग्रेस सरकार: प्रेम प्रकाश पांडे पूर्व मंत्री, छत्तीसगढ़ आज “गौरव” नहीं बल्कि गर्त” की ओर जा रहा है: पूर्व मंत्री

धान का कटोरा” कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ को “कर्ज का कटोरा” बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है,कांग्रेस छत्तीसगढ़ को गर्त में, विकास के विपरीत की ओर: प्रेम प्रकाश पांडे पूर्व मंत्री छत्तीसगढ़

Editor in Chief

डॉ मिर्जा कवर्धा 

 

कबीरधाम । प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी कार्यालय कवर्धा में 1:30 बजे प्रेस वार्ता रखा गया, जिसमे प्रेस वार्ता के मुख्य वक्ता के रूप में प्रेम प्रकाश पांडे पूर्व मंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के भूपेश बघेल की कार्य शैली पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि आज प्रदेश में खुशहाली के 4 साल का झूठ दिखाकर गौरव दिवस मना रही कांग्रेस की सरकार ने पिछले 4 सालों में छत्तीसगढ़ का सिर्फ शोषण किया है। आप सभी को 2003 से पहले का छत्तीसगढ़ याद होगा, जहाँ आये दिन लूट, हत्या, चोरी और भ्रष्टाचार की घटनाएँ हुआ करती थी, आज हमारे छत्तीसगढ़ की स्थिति 2003 से पहले वाली हो चुकी है, इनके बदहाल 4 सालों का परिणाम यह हुआ है छत्तीसगढ़ आज “गौरव” नहीं बल्कि गर्त” की ओर जा रहा है।

भूपेश बघेल ने चुनाव से पहले जितने बड़े-बड़े दावे और जितने बड़े-बड़े वादे किए थे आज उनकी हकीकत प्रदेश की जनता के सामने आ चुकी है। प्रदेश में विकास को सार्थक करना तो दूर आज कांग्रेस की यह सरकार अपने घोषणापत्र को भी पूरा नहीं कर पाई है, छत्तीसगढ़ की जनता ने इन्हें विकास के मुद्दे पर वोट दिया था लेकिन आज “विकास के विपरीत खड़ी इस भूपेश बघेल की सरकार ने “धान का कटोरा” कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ को “कर्ज का कटोरा” बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

प्रदेश में महिलाओं की स्थिति

*शराबबंदी सिर्फ एक छलावा*- आज छत्तीसगढ़ में शराब को राजस्व प्राप्ति का आधार बन – गया है, राजस्व प्राप्ति में शराब का 5वां स्थान है। जहां से हजारों करोड़ रूपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है। महिलाओं से शराबबंदी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को शराब की सबसे अधिक बिक्री करने वाला राज्य बना दिया है। शराब की अवैध तस्करी करने के मामले में प्रदेश में 7वां स्थान हैं।

राज्य शराब दुकानों मे बढ़ोत्तरी*:- लगभग 700 दूकाने से अब कुल 1491 काउंटर हैं।

प्रदेश में युवाओं की स्थिति

किसी भी प्रदेश और देश का भविष्य वहां के युवाओं पर निर्भर होता है, आज छत्तीसगढ़ के युवाओं की स्थिति क्या है यह पूरा प्रदेश देख रहा है। चारों ओर युवाओं के बीच नशे की लत फैलाकर छत्तीसगढ़ को पंजाब में परिवर्तित करने के प्रयास हो रहे हैं। इस सरकार ने केवल फसलों को बर्बाद नहीं किया है बल्कि आने वाली नस्लों की बर्बादी के बीच भी वो दिए हैं।

बेरोजगार युवाओं के लिए– घोषणा पत्र के अंतर्गत “राजीव मितान योजना” के माध्यम से 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करके यह सरकार सत्ता में आई थी लेकिन 4 वर्षों में उन्होंने बेरोजगार युवाओं को कुछ भी नहीं दिया है।

प्रदेश में शिक्षा की स्थिति

पिछले 4 वर्षों में भूपेश बघेल की सरकार ने स्कूल के लिए एक भी नया भवन नहीं बनाया है, पुराने भवनों की हालत जर्जर हो चुकी है और हिंदी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों का इतना आभाव है कि 34.5 लाख विद्यार्थियों को पढ़ने की आयु में सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन और चक्काजाम करना पड रहा है।

छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था

• आज प्रदेश में गांजा तस्करी, ब्राउन शुगर, नशीली गोली, अफीम चरस और शराब की तस्करी समेत ठगों और अपराधियों का अड्डा बन चुका है। • भूपेश बघेल ने किसानों का विकास न करके हमारी फसलें तो बर्बाद की ही है लेकिनअपराधियों और नशे को छूट देकर वो अब हमारी नस्लें भी बर्बाद कर रहे हैं।

नेशनल क्राइम ब्यूरो के अनुसार छत्तीसगढ़ की स्थिति कुछ ऐसी है कि दुष्कर्म के मामले में छत्तीसगढ़ देश में छठवें स्थान पर है

प्रधानमंत्री आवास और जल जीवन मिशन में फिसड्डी है कांग्रेस सरकार

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत प्रदेश को मिलने वाले 16 लाख परिवारों से भूपेश बघेल की सरकार ने उनकी छत छीन ली और प्रधानमंत्री आवास नहीं बनने के कारण। छत्तीसगढ़ शासन के वरिष्ठ मंत्री इस्तीफा दे देते हैं लेकिन भूपेश बघेल की सरकार कहती है कि “गौरव दिवस” हैं। हाँ, यदि छत्तीसगढ़ को वंचित और पिछड़ा रखने पर उन्हें गर्व है तो उनके लिए जरुर यह “गौरव दिवस” हो सकता है पर एक आम प्रदेशवासी के लिए यह “छल दिवस” है।

कर्मचारियों को छला- अपने घोषणापत्र में संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने की बात करके यह सरका सत्ता में आई लेकिन सत्ता में आते ही भूपेश बघेल ने अपना असली रंग दिखाना शुरू किया और संविदाकर्मियों को तो नियमित किया ही नहीं बल्कि कोविड काल के समय सेवारत रहे कर्मचारियों-अधिकारियों की मृत्यु के उपरांत परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति भी नहीं दी। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण सामने है कि महीनों से हजारों विधवा महिलाएं राजधानी में धरना स्थल पर बैठी है। उन्होंने आत्महत्या की कोशिश भी की लेकिन उनकी आवाज को दबाया गया पुलिस प्रशासन के जोर से उनके आंदोलन को दबाने की कोशिश की गई। प्रेस वार्ता में अभिषेक सिंह पूर्व सांसद, अनिल सिंह जिला भाजपा अध्यक्ष, अशोक साहू पूर्व विधायक, बसन्त नामदेव जिला मीडिया प्रभारी की उपस्थिति में प्रेस वार्ता संम्पन्न हुई ।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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