कुंकदुर पुलिस व गौ-रक्षक बजरंग दल की संयुक्त कार्यवाही..अवैध मवेशी तस्करी की विरूध्द कठोर कार्यवाही.. वाहन में मवेशियों को दुसकर भरकर कत्लखाना परिवहन करते पकडा गया,प्रयुक्त वाहन के आगे व पिछे के नंबर प्लेट में अलग-अलग नंबर लिखकर परिवहन कर चकमा दे रहे थे मवेशी तस्कर
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
दिनांक 09.05.2024 की रात्रि में सूचना प्राप्त हुआ कि मवेशी तस्करों द्वारा सफेद रंग के अशोक लिलैंड ट्रक वाहन क्रमांक में मवेशी तस्कारों द्वारा अवैध रूप से मवेशी तुस-ठुसकर भरकर पण्डरिया-बजाग मुख्य मार्ग होते परिवहन करते कत्लखाना उ.प्र. ले जा रहे जिस संबंध में पुलिस अधीक्षक महोदय कबीरधाम डॉ. अभिषेक पल्लय (भापुसे) के निर्देशानुसार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सिंह, तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पंकज पटेल के मार्गदर्शन में अवैध मादक पदार्थ, मवेशी तस्करी के विरूध्द अलिम्ब आवश्यक कार्यवाही करने के संबंध में दिशा-निर्देश प्राप्त कर सूचना पर कुकदुर पुलिस व गौ-रक्षक बजरंग दल रायपुर-सिमगा-कवर्धा-बेरला के पदाधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा लगाये गये मुखबीर से प्राप्त सूचना तस्दीक पर पण्डरिया से उक्त वाहन का पिछा करते-करते ग्राम सिंगपुर सेंट मांउटेन पब्लिक स्कूल के पास सफेद रंग के ट्रक को घेराबंदी कर रोका गया जिसका ड्राईवर तत्काल वाहन को खड़ी कर अंधेरा व जंगल का फायदा उठाकर जंगल की ओर भाग गया। जिस पर सफेद रंग के अशोक लिलेंड ट्रक के नंबर प्लेट को देखने पर सामने के नंबर प्लेट में सीजी 04 पीजे 4614 एवं पिछे नंबर प्लेट पर TS CG 4099 लिखा हुआ था पिछे डाला में 13 नग भैसा व 09 नग भैसी भरा हुआ मिला कि अज्ञात् मवेशी तस्कर द्वारा वाहन में मवेशियों को दुस-युसकर भरकर निर्वयता व कुरता पूर्वक बिना चारा पानी के कत्लखाना परिवहन करना अपराय बारा सदर छ.ग. पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10 एवं पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की बारा 11 व मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 66/192 का घटित करना पाये जाने धारा सदर का अपराध पंजीबद्ध कर किया जाकर विवेचना की जा रही है तथा फरार आरोपी चालक का पतासाजी हेतु पुलिस टीम तैयार किया गया है तगातार पतासाजी की जा रही है। सम्पूर्ण कार्यवाही में सउनि प्रहलाद चन्द्रवंशी, शिवेन्द्र मोहन उपाध्याय, प्र.आर. ओंकार सिंह, आरक्षक प्रवीण वास मानिकपुरी, संदीप पाण्डेय, दूजराम सिन्द्राम, देवेन्द्र बंजारे एवं स.आर. शिवचरण यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।