माइनिंग विभाग के सहयोग से गिट्टी खदान मालिक हुऐं मालामाल खोद डालें.. पताल लोक तक कभी भी हो सकता अप्रिय घटना संभावित.. जिले में बैठे संबंधित अधिकारी आखिर क्यों है मौन ?
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा -: कबीरधाम जिला हमेंशा से खदान के क्षेत्र में साइलेंट किलर के रुप में कार्य कर रही है!इस विभाग के अफसर सिर्फ खानापूर्ति में लगे हुए रहते हैं! ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे मोटे रेती या बजरी या गिट्टी सप्लाई करते अवश्य पकड़कर केस बनाकर वसूली करते दिखाई देते हैं !पर जिला में जितना खदान है चाहे लोहारा क्षेत्र में खदान आवंटन किया गया है या कवर्धा क्षेत्र के खदान संचालित किया जा रहा और पंडरिया क्षेत्र के खदान हो देखने से पता चलता है खदान की जिस तरह बेतहाशा खोदाई कर गिट्टी की विक्रय किया है जो सरकार के हर नियम को ताक पर रख कर खोदाई करना विभाग के मिलीभगत के बिना संभव ही नहीं है! आप को बता दें इसी बेतहाशा खोदाई के कारण भलपहरी के ग्रामीण कलेक्टर से गुहार लगायें है शीघ्र बंद होना चाहिए खदान..
इसी तरह मानपुर का भी हालत खराब हो चुका है बेतहाशा खुदाई और गांव में प्रदुषण की बेतहाशा से अनेक ग्रामीण स्वांस की रोग से ग्रस्त हो चुकें हैं इसी तरह लोहारा क्षेत्र के अनेक गांव में खदान तमाम नियम को ताक पर रख कर चल रहें हैं पर माइनिंग विभाग अपने आंख कान नाक सब बंद करके यू ही क्यों रखा हुआ है इसके पीछे कौन है माइनिंग को विकलांग बनाने वाले या विकलांग का बहाना बनाकर अंदरुनी मामला कही बड़ा तो नही है!कही कोयला घोटाले की तरह शेयर का खेल तो नहीं है !तभी तो ये खदान मालिक बिन पेंदी की लोटा की तरह सरकार आते ही दल बदल कर अपने आप को सरकार या सत्ता के संरक्षण में अपनी मनमानी और करोड़ों का अवैध कमाई करने में सफल हो रहें हैं!और अपने अवैध खनन को सुरक्षित कर सकें तभी तो सरकार और सत्ता के क़रीब यें खदान मालिक रहना पसंद करते हैं और सुरक्षित होकर अपने अवैध कमाई को लगातार बरकरार रखने में सफल हो रहें हैं पर इस बार तेज तर्रार विजय शर्मा जी कवर्धा से जीत के गये है जिनके रहते क्या इन पताल लोक तक की गई खोदाई का जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्यवाही होगी यह समय तय करेंगे!
वक्त और हालात को देखते हुए आगे और भी बहुत से खदानों की जांच की रूबरू लाइव शूटिंग भी मीडिया के माध्यम से करके दिखाया जाएगा।