आक्रोश महारैली में शामिल हुए सैकड़ों वाहन ,आदिवासी समाज ने दिखाई सामाजिक एकता ,सामाजिक सम्मेलन में हजारों की संख्या में जुटे आदिवासी समाज , समाज के प्रतिभावान बच्चो किया सम्मानित

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डॉ मिर्जा कवर्धा
छ ग सर्व आदिवासी के बैनर तले 13अगस्त 2023 रविवार को विश्व आदिवासी दिवस के परिपेक्ष्य में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में ऐतिहासिक मोटर सायकल कार में आक्रोश महारैली लोहारा रियासत के राजा साहब खड़ग राज सिंह जी सैकड़ों। के संख्या में जिला मुख्यालय स्थित आदिवासी मंगल भवन कवर्धा पहुंचे जहां कवर्धा रियासत के राजा साहब राजकुमार मैखलेश्वर राज सिंह जी सहित समाज प्रमुखों के साथ तिरंगा एवम यूएनओ के ध्वज का पूजन कर महारैली का अगुवानी करते कार्यक्रम स्थल के लिए प्रस्थान किया। आक्रोश महारैली में सैकड़ों कार व मोटर सायकल आदिवासी नारों से जयघोष करते पोडी पहुंचे । जहां पंडरिया रियासत के राजा साहब हेमंतराज सिंह सैकड़ों के संख्या में पंडरिया से रैली लेकर महारैली में शामिल हुए। कारवां बढ़ते 8किलो मीटर लम्बा महारैली बोडला कार्यक्रम स्थल पहुंचे और सभा में शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए राजा योगेश्वर राज सिंह ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा शोषण और अत्याचार ,विस्थापन, संवैधानिक अधिकारों का हनन आदिवासियों के साथ हो रहा । साथ मिलकर मुकाबला करना होगा। इनके विरुद्ध एक जुट होने आहवान किया। मुख्य अतिथि देवरावेण भलावी जी अपने ओजश्वि क्रांतिकारी उद्बोधन में समाज को संबोधित करते हुए युवाओं को शोषण अत्याचार के खिलाफ लड़ने अमर कसने शपथ दिलाया ।उन्होंने कहा कि ये अंतिम पीढ़ी है जिन्हे अपना हक अधिकार के लिए लड़ना ही होगा । आजादी के पूर्व आदिवासी समाज की स्थिति और वर्तमान स्थिति दोनो काफी विपरीत है । आदिवासी पहले मालिक हुआ करता था आज उनकी स्थिति बद से बत्तर हो गया है। 170 (ख ) प्रभावशील है बावजूद लाखो हेक्टेयर जमीन अन्य को हस्तांतरित हो गया फर्जी ढंग से जमीन की खरीद फरोख्त प्रारंभ है।
सभा को संबोधित करते मुख्य वक्ता विनोद नागवंशी जी प्रदेश सचिव ने मणिपुर में आदिवासी समाज के साथ हो रही घटना का निंदा करते हुए कहा कि छ ग में आदिवासियों के साथ मणिपुर जैसे घटना रोज हो रहा । उस पर समाज के प्रतिनिधि मंत्री, सांसद ,विधायक मुह खोलने को तैयार नही ।इन्हे अपने टिकट की चिंता है। समाज रहकर टिकट और समाज का वोट जरूर चाहिए किंतु समाज नही चाहिए समाज के समस्या से कोई लेना देना नही । ऐसे मौका परस्त नेता का चिन्हांकन कर उनको उनकी औकात दिखाना होगा। पेशा कानून का मुख्य स्वरूप में परिवर्तन कर ग्राम सभा को कमजोर कर दिया गया।हसदेव में पेड़ो की कटाई के साथ खनन प्रारंभ कर दिया गया ।बहुत से गांव को विस्थापित किया जा रहा। पांचवी, छठी अनुसूची ,स्थानीय भर्ती में आरक्षण,32प्रतिशत आरक्षण ,पदोन्नति में आरक्षण आदि मुद्दों पर समाज को एक जुट होकर लड़ने संकल्प लिया ।
आसकरण सिंह धुर्वे ने स्वागत भाषण देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा आदिवासी दिया गया 46अनुच्छेद अधिकार को सरलीकृत करते हुए समझाया तथा उनके प्रचार प्रसार के लिए समाज के युवा वर्ग से आग्रह किया ।
सभा के अंत में जिले के प्रतिभावान आदिवासी बच्चो को मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सभा को चैतराम राज साहब ,कृष्णा धुर्वे (रिटायर्ड इंडियन आर्मी ) आदि ने संबोधित किया ।
सभा में मुख्यरूप से राजा योगेश्वर राज सिंह जी राजा हेमंत राज सिंह , राजकुमार मैक्लेश्वर राज सिंह जी,इतवारी माछिया, पुसु बैगा,मुखिराम मरकाम,गजराज टेकाम, प्रभाती मरकाम , दुखीराम धुर्वे ,मीनाक्षी धुर्वे, बसंत ठाकुर ,जोन एक्का ,रतिराम भट्ट,बापूराम भलावी, प्रकाश सिंह भुआर्य ,जी आर खरे,फागू राम मरकाम, नंदलाल मरावी ,मनोहर धुर्वे,धीरपाल सिंह छेदइहा , तिहाड़ सिंह धुर्वे, पुरन धुर्वे,अमिता प्रभाती मरकाम, सुखनंदन धुर्वे,नेकलाल मरावी , सिद्धाराम मरावी,प्रेम सिंह टेकाम,कमल धुर्वे,गुलाब सिंह बैगा,सुखदेव धुर्वे , dr एम के सूर्यवंशी साहब,ऋषि ध्रुव ,
जी पी ठाकुर, प्रो लवन सिंह कंवर, एस एल पेंद्रो,, डी एस धुर्वे,dr केशव ध्रुव अंजोर सिंह सिदार, रमेश चंद्र भवेल, प्रो शिवराम सिंह श्याम,रोहित कुमार धुर्वे , सगनू धुर्वे,कैलाश मंडावी , मालिक मरकाम, व्यासनारण चुरेंद्र , जगदीश उइके , देवन धुर्वे,ऊदल धुर्वे,जागेश्वर धुर्वे,फागू मरावी,जी एल मरकाम, मानकुवर धूमकेति,राजकुमारी धुर्वे, गुस्ताफ एक्का, रामप्यारी श्याम, अनिता श्याम,कुसुमलता धुर्वे,परमिला नेताम, श्यामराज धुर्वे,मनीराम छेदावी ,संतोष मरावी,बाबूराम धुर्वे,रामबिलास पोरते, संजय मरावी, रामाधार मरावी,ईश्वर सिंह परस्ते,दिलीप कुमार धुर्वे दामोदर उइके,सुरेंद्र मरकाम, देवचरण धुर्वे , धनसिंह धुर्वे , कशेर धुर्वे , सूरज धुर्वे , अंतुराम मरकाम , सुरेश मरकाम , सनित खुशाम , हरिलाल मरावी , मुकेश मरकाम , तुलस पंद्राम , नत्थू लाल धुर्वे , जयसिंह पंद्राम , लाला धुर्वे , जलेश मरावी , कोमल सिंद्राम , आत्मा मरावी , हितेंद्र कुमार सोम, बेदू धुर्वे, नैनसिंह मरावी, शंकर धुर्वे , प्रताप धुर्वे , राजेश मरकाम , मन्नू राम कोमरे , टोमन भंडारी , देवचरण ध्रुव , रायसिंह मेरावी , हेमलाल ठाकुर , नरेंद्र धुर्वे , पुरुषोत्तम तिलगाम , मोहन धुर्वे , रघुवेन्द्र धुर्वे , चरण सिंह पंद्राम , चन्द्रभान मरावी , नरेंद्र सिंह धुर्वे , श्रवण धुर्वे ,चन्द्र गोपाल मरावी , भोला धुर्वे , प्रीतम मरावी , तिहारी नेताम कृष्णा धुर्वे,बाल्मिकी धुर्वे,उत्तरा धुर्वे,हुकमी धुर्वे , गौठू बैगा , रामौतार धुर्वे ईश्वरी धुर्वे,बिहारी धुर्वे, बसंत धुर्वे सहित हजारों की संख्या में आदिवासी समाज अपने वेश भूषा में उपस्थित रहे।