कबाड़ से जुगाड़ के साथ स्थाई स्वरोजगार की ओर कबीरधाम की ग्रामीण महिलाएं…कचरा कलेक्शन की गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर.. स्वच्छ भारत अभियान और महात्मा गांधी नरेगा योजना के अभिसरण ने खोले स्थाई स्वरोजगार के अवसर
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा, 16 कबाड़ से जुगाड़ और उससे मिलने वाले स्वरोजगार का बेहतरीन उदाहरण कबीरधाम ज़िले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत 80 से अधिक ग्रामों में स्वछत्ता दीदियों द्वारा किये जा रहे घर-घर कचरा कलेक्शन में देखा जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रो को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर कचरा कलेक्शन कार्य के रूप में सामने आया है। जिसमें समूह के द्वारा चार से छ महिलाएं आपस मे जुड़कर घर-घर जाकर पुराना टीना लोहा प्लास्टिक जैसे अनुपयोगी सामानों को जिसे ग्रामीण फेक दिया करते थे उसे एकत्रित करते है। सेग्रीगेशन शेड में इससे लाकर अलग-अलग छटाई करते हुए इसे बेचकर आमदनी कमाने का जरिया बनाया जा रहा है। महिलाओं को उनके कार्य में सहयोग प्रदान करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना स्वच्छ भारत मिशन एवं 15वें वित्त योजना के अभिसरण से सहायता दी गई। जिसमें मुख्य रूप से सेग्रीगेशन शेड का निर्माण किया गया जो कचरा कलेक्शन का केंद्र बिंदु बन रहा है।
इस संबंध में चर्चा करते हुए कलेक्टर कबीरधाम श्री जनमेजय महोबे ने बताया कि ज़िले के बहुत से गाँव में 4 से 6 महिला स्वच्छग्रही घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा का कार्य कर रहें है। इसके लिए महिला समूह को प्रोत्साहन स्वरूप 15 वें वित्त आयोग योजना से 3 हजार से 3500 रुपए तक महीने का प्रदाय की जा रही है। इसके अतिरिक्त ग्रामों में यूजर चार्ज लेने के लिए ग्राम सभा मे प्रस्ताव भी पारित कराया गया है। जैसे मध्यम वर्ग परिवार के लिए 20 रुपए प्रति महीना, बड़े दुकानदारो से 50 रुपए प्रति महीना निर्धारित किया गया है। यह राशि महिला समूह को आर्थिक मदद देगा जिससे कि वह इस स्वरोजगार के नए कार्य में आगे बढ़ सके। कलेक्टर महोबे ने बताया कि महिलाओं को इस कार्य के लिए सभी जरूरी सहायता प्रदान की गई है। जिसमें मुख्य रूप से गांव में कचरा गाड़ी वजन मशीन कुल्हाड़ी बेलचा भावड़ा टोपी जूते साड़ी एप्रोन मास्क दस्ताने आदि शामिल है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया कि जिस तरह जिले के नगर पालिका क्षेत्र कवर्धा एवं अन्य नगरी निकायों में महिला समूह द्वारा कई वर्षों से कचरा कलेक्शन का कार्य कर स्वरोजगार से जुड़ी है ठीक उसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में इस कार्य का विस्तार किया जा रहा है। जिले के चारों विकासखंड के पंचायतो में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। गांव में प्रतिदिन बैठकें कर कचरा कलेक्शन के प्रति जागरूकता का संचार किया जा रहा है। इस कार्य से ग्रामीण महिलाओं को होने वाले लाभ के विषय में जागरूक किया जा रहा है।आज की स्थिति में बहुत से ग्राम पंचायत में कचरा कलेक्शन का कार्य प्रारंभ हो गया है और ग्रामीणों का भी इसमें पूरा सहयोग मिल रहा है। ग्राम पंचायत बीरेंद्रनगर आमगांव सिंगारपुर जंगल बचेड़ी राजपुर तालपुर भाठकुंडेरा बाजार चारभाठा नवागांव जैसे अनेक पंचायतो में घर घर जाकर महिला स्वच्छग्रही दीदी द्वारा कचरा कलेक्शन का कार्य कर रहें है। इसी तरह मानिकपुर तारेगाव मैदान बेन्दरची छांटा कुसुमघटा खरहट्टा बैजलपुर रेंगाखार कला महली कांपादाह मोहगांव कोड़ापुरी भुवालपुर डोमसरा रैतापरा देवगढ़िया बोडतराखुर्द रेंगाखार खुर्द मजगांव समनापुर बिटकुली खुर्द अमलीडीह दूधिया कुई जैसे स्थान पर यह कार्य हो रहा है।
कचरा कलेक्शन के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अभिसरण से हुए कार्यो पर एक नजर
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण 15 वित आयोग योजना रूर्बन मिशन योजना एवं आदर्श ग्राम योजना के अभिसरण से कचरा एकत्रित कर रखने के लिए जिले में 688 सेग्रिगेशन शेड का निर्माण किया गया है। जिसमे 652 अबतक पूर्ण है हो चुके है और 35 कार्य प्रगति पर है। इस भवन के बन जाने से महिला स्वच्छाग्राही अलग-अलग कचरो को अलग-अलग खंडों में छांटकर रखते हैं जिसे बड़े व्यापारी को उचित दर पर बेचने के लिए तैयार किया जा रहा है।