आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बारे में कुछ लोग हमेशा कट्टरपंथी सम्प्रदायिक संगठन के रूप में दुष्प्रचार करते है जबकि हम अनुभव करते है कि यह समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों के रूप में संलग्न रहता हैं…
वायनाड, केरल में आपदा के समय मुस्लिम समुदाय को भोजन और सहायता प्रदान करना आरएसएस के सेवा कार्यों का एक उदाहरण है...

Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बारे में कुछ लोग हमेशा कट्टरपंथी सम्प्रदायिक संगठन के रूप में दुष्प्रचार करते है जबकि हम अनुभव करते है कि यह समाजसेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों के रूप में संलग्न रहता हैं।
वायनाड, केरल में आपदा के समय मुस्लिम समुदाय को भोजन और सहायता प्रदान करना आरएसएस के सेवा कार्यों का एक उदाहरण है। आरएसएस का मानना है कि सेवा और सहायता किसी धर्म या समुदाय के आधार पर नहीं होनी चाहिए, बल्कि मानवता के प्रति होनी चाहिए।
ऐसे आपदा के समय में आरएसएस के स्वयंसेवक जाति, धर्म, या समुदाय की परवाह किए बिना लोगों की सहायता के लिए आगे आते हैं। इस प्रकार के कार्य यह दिखाते हैं कि संगठन का प्रमुख उद्देश्य समाज में एकता और सेवा भाव को बढ़ावा देना है।
सभी संगठनों की तरह, आरएसएस के भी विभिन्न पहलू और दृष्टिकोण हो सकते हैं, और इन्हें उनकी सेवा गतिविधियों के माध्यम से भी आंका जा सकता है। वायनाड में मुस्लिम समुदाय को दी गई सहायता आरएसएस की समर्पित सेवा भावना का एक अच्छा उदाहरण है।