कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का जिला पुलिस कबीरधाम का सराहनीय प्रयास

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

कबीरधाम जिला पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा से वंचित और पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को एक नई दिशा देने के प्रयास निरंतर जारी हैं। पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल (आईपीएस) के नेतृत्व में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत इन बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। 2024 के दूसरे सत्र में लगभग 250 विद्यार्थियों ने ओपन परीक्षा के फॉर्म भरे हैं, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से आते हैं। इन परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा में आने-जाने और अन्य व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी जिला पुलिस ने स्वयं उठाई है, ताकि वे बिना किसी कठिनाई के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल ने खुद ओपन परीक्षा दिला रहे इन विद्यार्थियों से मुलाकात की और उन्हें मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा, “सफलता का रास्ता मेहनत और सही दिशा में किए गए प्रयासों से खुलता है। जो विद्यार्थी पूरी लगन और ईमानदारी से तैयारी करते हैं, वे जरूर सफल होते हैं।” अग्रवाल ने विद्यार्थियों को बताया कि केवल रटने से सफलता नहीं मिलती, बल्कि किसी भी विषय को समझकर पढ़ने से वह लंबे समय तक याद रहता है। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि परीक्षा के दौरान घबराहट होना स्वाभाविक है, लेकिन उस घबराहट को अपने प्रदर्शन पर हावी न होने दें। 

इस प्रयास के तहत जिला पुलिस कबीरधाम ने न केवल इन विद्यार्थियों के लिए ओपन परीक्षा फॉर्म भरवाने में मदद की है, बल्कि उनके सफल भविष्य के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सुविधाएं भी प्रदान की हैं। यह जिला पुलिस की सराहनीय पहल है, जो यह सुनिश्चित कर रही है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे शिक्षा से वंचित न रहें और उनका भविष्य उज्जवल हो। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इन बच्चों को न केवल ओपन परीक्षा में सफल होने में मदद मिल रही है, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है, जो आगे चलकर उनके जीवन को नई दिशा देगी।

2017 से लेकर अब तक लगभग 800-900 विद्यार्थियों ने जिला पुलिस के इस अभियान के तहत ओपन परीक्षा के फॉर्म भरे हैं, जिनमें से 500 से अधिक विद्यार्थियों ने सफलतापूर्वक परीक्षा पास की है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि जिला पुलिस के प्रयास से इन बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अवसर मिला है। 

पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल ने अपने अनुभव साझा किए

राजेश अग्रवाल ने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “जब मैंने अपनी पढ़ाई की थी, तब भी चुनौतियां थीं, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। यदि हम किसी चीज़ को ठान लें, तो उसे पाने से कोई हमें रोक नहीं सकता।” उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं और बिना किसी तनाव के परीक्षा की तैयारी करें। 

दबावमुक्त परीक्षा देने की सलाह

पुलिस अधीक्षक ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार का दबाव न लें और पूरी तन्मयता से पढ़ाई करें। उन्होंने कहा, “समझकर पढ़ा गया विषय हमेशा याद रहता है और परीक्षा में आत्मविश्वास भी बनाए रखता है। बिना किसी दबाव के परीक्षा दें और घबराहट को अपने प्रदर्शन पर असर न डालने दें।” 

जिला पुलिस कबीरधाम का यह प्रयास न केवल इन बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए अहम है, बल्कि यह सामाजिक सुधार का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार कर पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि इन बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और वे नक्सलवाद की गतिविधियों से दूर रहकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ सकें। 

राजेश अग्रवाल का यह प्रयास केवल प्रशासनिक कार्य नहीं, बल्कि इन विद्यार्थियों के जीवन को संवारने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जो उनके आत्मनिर्भर और सशक्त बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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