कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

वनमाली सृजन केन्द्र और पाठक मंच की संयुक्त बैठक और कवि गोष्ठी बुधवार 9 अक्टूबर की शाम को सर्किट हाउस के अशोक हॉल में संपन्न हुई.. साहित्य संगोष्ठी में विचार विमर्श के बाद कवियों ने पढ़ीं श्रेष्ठ कविताएँ

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

कवर्धा। वनमाली सृजन केन्द्र और पाठक मंच की संयुक्त बैठक और कवि गोष्ठी बुधवार 9 अक्टूबर की शाम को सर्किट हाउस के अशोक हॉल में संपन्न हुई। बैठक में  जिले में साहित्यिक आयोजनों एवं साहित्य संस्कृति के उन्नयन जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया गया। अजय चन्द्रवंशी और राजाराम हलवाई ने सुझाव दिया कि मुक्तिबोध पर केन्द्रित एक संगोष्ठी आयोजित की जानी चाहिए, जिसमें मुक्तिबोध के कृतित्व और व्यक्तित्व की विशद व्याख्या करने वाले वक्ताओं को आमंत्रित किया जाए। समयलाल विवेक ने सुझाव दिया कि हर माह गोष्ठी की तिथि निर्धारित कर एकल कवितापाठ के लिए राज्य के श्रेष्ठ कवियों को बुलाया जाए। नीरज मनजीत ने कहा कि निश्चय ही अगले महीनों में व्यवहारिक रूप से ऐसे आयोजन किए जाएंगे। कविता पाठ के सत्र में समयलाल विवेक ने यथार्थवादी स्वर में मां पर केंद्रित कविता के अलावा शोषक तंत्र की शिनाख्त करते हुए कविताएँ पढ़ीं। नरेन्द्र कुलमित्र ने कविताओं में अपने लिए थोड़ी सी ज़मीन थोड़े से आसमान की कामना करते हुए सामान्य जन की पीड़ा को व्यक्त किया। सात्विक श्रीवास्तव ने नवरात्रि पर्व पर नारी की महिमा और मध्यवर्गीय विडंबना को कविताओं में ढाला। भागवत साहू ने कुछ चुटीली व्यंग्य कविताएं पढ़ीं। महेश आमदे ने महाभारत के मिथकों को आधार बनाकर वर्तमान काल की विसंगतियां व्यक्त कीं। तुकाराम साहू तरुण ने गांव पर केंद्रित कविता पढ़ी। सोमप्रकाश वर्मा ने दाम्पत्य जीवन की नोकझोंक को स्वर दिया। प्रहलाद पात्रे ने दो छोटी कविताएँ सुनाईं। अजय चन्द्रवंशी ने भूख को केन्द्र में रखकर जातिवाद पर प्रहार किया। आदित्य श्रीवास्तव ने रामकथा में कैकेयी के चरित्र को नए आयाम पर विश्लेषित किया। सुखदेव सिंह अहिलेश्वर ने कुछ छोटी व्यंग्य कविताओं के बाद एक छत्तीसगढ़ी कविता का पाठ किया। आखिर में नीरज मनजीत ने सत्य समानता स्वतंत्रता के पक्ष में कविताओं का पाठ किया।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

संबंधित आलेख

Back to top button
error: Content is protected !!