कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

ये सिस्टम की शव यात्रा हैं, बारिश में स्ट्रेचर पर शव रखकर पैदल मरच्यूरी पहुँचे परिजन ,जिला मुख्यालय मे बन रहा है सडक दुर्घटना से बचाने अवारा पशुओं का व्यवस्थापन का सिस्टम और प्लान… लो फिर गई एक जान ,लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र CHC सेंटर फिर एक बार सुर्खियों मे

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डॉ मिर्जा कवर्धा

ये सिस्टम की शव यात्रा हैं, बारिश में स्ट्रेचर पर शव रखकर पैदल मरच्यूरी पहुँचे परिजन

मिली जानकारी के अनुसार… दैहांनडीह निवासी राधु पटेल अपनी पत्नी व अन्य रिश्तेदार के साथ मोटर साइकिल में सवार होकर मंगलवार को लोहारा बाजार से खरीदी करके वापस घर आ रहे थे। तभी ओड़िया खुद हाईस्कूल मेन रोड में रात 7 बजे रोड में बैठे गाय से मोटर साइकिल टकरा गई जिसकी वजह से मोटर साइकिल में बैठी लखनी पटेल,उतरा पटेल गिर गए लखनी पटेल के सिर में गंभीर चोट लगने से खून बहा रहा था साथ ही उतरा पटेल को भी चोट आई सभी को लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद लोहारा लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि राधु पटेल की पत्नि लखनी बाई की मौत हो गई।

घटना के बाद 112 संजीवनी को भी फोन लगाया लेकिन समय मे गाङी के नही पहुचने के और ज्यादा खून के बहाव के कारण प्राइवेट गाङी से हास्पिटल पहुचाया गया।

लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र CHC सेंटर फिर एक बार सुर्खियों मे

महिला लखनी की मौत के बाद…।बुधवार को सुबह 1099 पर ङायल कर परिवार के लोगो ने कॉल किया तो कहा की गाड़ी लेट मे आएगी जबकि हर जिले मे राज्य शासन से मुकतांजली गाङी उपलब्ध रहता है…

ऐसे मे मृतक के परिजन बारिश में परिवार के 6 लोगो ने स्ट्रेचर में उठाकर पीछे के रास्ते से हाईस्कूल मैदान से होते हुए 300 मीटर की दूरी तय कर मर्चुरी पहुँचे जहाँ मृतक का पोस्टमार्टम हुआ। ताकि सिस्टम का पोल न खुल सके लेकिन सच्चाई छुपती कहाँ है साहब.. क्योकि ये सब नजारा तो मिङिया का तीसरा कैमरा देख रहा था जो हम अब जनता-जनार्दन और प्रशासन को दिखा रहे है।

अब यह बताना लाजमी होगा कि नियम यह कहता है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत सरकारी स्वास्थ्य केंद्र मे होता है तो पंचनामा के बाद उस व्यक्ति का शव मर्चुरी तक ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग या पुलिस विभाग की जवाबदारी होती है लेकिन यहाँ नजारा कुछ और दिखाई दे रहा है जो नियम के विरुद्ध है मृतक के परिवार वालों को ही स्ट्रेचर से पैदल लगभग आधा किलोमीटर मर्चुरी भेजाया जा रहा है सबसे हैरान करने वाली ये बात है कि ङेथ बाङी को मर्चुरी छोडने के लिए स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के एक भी जवाबदार कर्मचारी नही दिख रहे है…

इसीलिए तो कहा गया है आज कि दुनिया मे सबसे कोई सस्ती चीज है.. तो वो मौत है तभी तो ये सब नजारा देखने को मिल रहा है अब देखते शासन प्रशासन इस घटना को कितना संज्ञान मे लेता है।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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