750 आंगनबाड़ी.. न किचन, न खेलने की व्यवस्था: सरगुजा में प्रशासन के पास खुद का भवन नहीं, शहरी क्षेत्रों में हालत और खराब
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में आंगनबाड़ियों का संचालन भगवान भरोसे हो रहा। आलम यह है कि जिले में 2,461 आंगनबाड़ी संचालित हैं, जिनमें से 1,750 के पास ही खुद के भवन मौजूद हैं। जबकि 750 ऐसे आंगनबाड़ी हैं जिनका संचालन किराए के भवन में हो रहा है। ऐसे में जिले में चलाए जा रहे आंगनबाड़ी योजना का लाभ सही तरीके से नहीं मिल पा रहा है।
शहरी क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ियों स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। शहरी क्षेत्र में 135 आंगनबाड़ी संचालित हैं जिसमें से 106 आंगनबाड़ियों के पास खुद का भवन नहीं है। विभाग भी मान रहा है कि इससे योजनाओं के संचालन में समस्या आ रही है। विभाग फंड के साथ-साथ जमीन नहीं मिलने के कारण आंगनबाड़ी भवन नहीं बन पाने का हवाला दे रहा है।
आंगनबाड़ी के जरिए न सिर्फ छोटे बच्चों को शिक्षा देने की कवायद की जाती है, बल्कि उन्हें पोषण आहार भी उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि कुपोषण से मुक्ति मिल सके। महिला बाल विकास विभाग भी मान रहा है कि किराए के भवन में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी में न तो किचन है और न बच्चों के खेलने कूदने की व्यवस्था है। आंगनबाड़ी का संचालन जैसे-तैसे किया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं को भी है पोषण आहार देने की योजना
आंकड़ों के अनुसार बात करें तो महिला बाल विकास विभाग ने हाल ही में सर्वे करवाया था। जिसमें 750 आंगनबाड़ी भवन किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। कुपोषण मुक्त करने के लिए महिला बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है। आंगनबाड़ी के जरिए गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार देने की योजना है। ऐसे में भवन नहीं होने के कारण इनके संचालन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बच्चों को बेहतर शिक्षा देने पर उठ रहे सवाल
नगर निगम क्षेत्र में सबसे ज्यादा समस्या महिला बाल विकास विभाग को उठानी पड़ रही है। नगर निगम क्षेत्र में जमीन का आवंटन आंगनबाड़ी भवन के लिए नहीं हो पा रहा। ऐसे में साफ है कि इससे न सिर्फ योजना के संचालन में दिक्कत हो रही है। बल्कि छोटे बच्चों को बेहतर पोषण आहार के साथ बेहतर शिक्षा देने की कवायद भी ठप पड़ी हुई है। हालांकि महिला बाल विकास विभाग अब जल्द ही आंगनबाड़ी के लिए भवन तैयार करने की बात कह रहा है।