कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

नेशनल लोक अदालत में 20,806 प्रकरणों का मौके पर किया गया निराकरण,जिले में नेशनल लोक अदालत का हुआ आयोजन..

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

कवर्धा 14 दिसम्बर, 2024। जिले में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें राजीनामा योग्य मामलों की सुनवाई हुई और मौके पर ही न्यायालय ने फैसले सुनाए। इस अवसर पर कुल 20806 प्रकरणों का निपटारा किया गया। इस दौरान पक्षकारों को पौधे भेंट कर उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गईं।

जिले में न्यायालयों के रखे गये कुल 20955 प्रकरणों में 20806 राजीनाम से निराकृत हुए। जिनमें न्यायालयों के लम्बित कुल 1332 मामले में से 1183 मामलों का निराकरण राजीनामा के माध्यम से हुआ जिसमें 5386115 रूपये के सेटलमेंट हुए। वहीं प्रीलिटिगेशन प्रकरण (मुकदमा पूर्व वाद) के 19623 मामले रखे गये जिसमें से 19623 समझौते के माध्यम से निराकृत किये गये जिसमें 167371254 रुपए इस तरह कुल 17 करोड़ 27 लाख 57 हजार 369 रूपये के सेटलमेंट हुए। 

एक-एक जज ने सौ-सौ से अधिक मामले निराकृत किये

 जिले में कुल 9 खण्डपीठ गठित की गई थी, जिसें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे, कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश श्री लीलाधर सारथी, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती योगिता विनय वासनिक, अपर सत्र न्यायाधीश श्री श्रीनिवास तिवारी, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री पल्लव रघुवंशी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड श्री सुबोध मिश्रा, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कु. पूजा मण्डावी।

नेशनल लोकअदालत में तकरीबन 41 वर्ष पुराने मामले में हुआ राजीनामा 

लम्बे समय से अलग रह रहे बुजुर्ग दम्पत्ति, एक साथ रहने हुए राजी। कुटुम्ब न्यायालय में वर्ष 1984 से भरण-पोशण का मामला लड़ रहे बुजुर्ग दम्पत्ति जिनकी वर्तमान आयु क्रमशः 75-70 वर्ष है। उक्त मामले में पत्नी को 40 रुपए मासिक भरणपोषण भत्ता दिये जाने पहली बार आदेश पारित हुआ था। साल-दर-साल परिवर्तन होते हुए भरण पोषण राशि 1300 रुपए का आदेश पारित हुआ था। उक्त मामला 14 दिसंबर 2024 के नेशनल लोक अदालत में रखा गया। नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायाधीश श्री लीलाधर सारथी द्वारा सुलह समझौता कराने में सफल हुए और दोनों पक्ष सहमत होकर एकसाथ रहने राजी हो गये जिससे तकरीबन 41 वर्ष पुराना मामला राजीनामा से निराकृत हो गया। वहीं एक अन्य मामले में अलग रह रहे नवदम्पत्ति को, कुटुम्ब न्यायाधीश श्री लीलाधर सारथी एवं खण्डपीठ सदस्य अधिवक्ता श्री कमल साहू द्वारा समझाईस दिये जाने पर, राजीनामा होकर नवदम्पत्ति द्वारा एक दूसरे को माफ कर एकसाथ रहने राजी हो गये। 

राजीनामा से आपसी सौहार्द्र और मधुर सम्बन्ध बनते हैं –  सत्यभामा 

 प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे ने कहा कि राजीनामा का मुख्य उद्देश्य यह है कि पक्षकारों के लम्बे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद, लड़ाई-झगड़ों का शीघ्र समापन किया जाए, पक्षकारों के समय की बचत की जाए। न्यायालय में राजीनामा-सुलह समझौते के तहत जो न्याय मिलते हैं, इसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। इस प्रकारण पक्षकारों के समय और धन दोनों की बचत होती हैं साथ ही दोनों पक्षों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है और आपसी सम्बन्ध मधुर और सौहाद्रपूर्ण बनते हैं। इसलिए न्यायालय और पक्षकार की कोशिश होनी चाहिये कि विवाद का आपसी समझौते व राजीनामा से प्रकरण की सुनवायी हो। 

देवरानी-जेठानी के मध्य हुए विवाद पर सीजेएम ने कराया समझौता

 बच्चों से शुरू हुए विवाद पर देवरानी-जेठानी के पारिवारिक संबंधों में दरार उत्पन्न होकर मामला कोर्ट में पेश होने पर नेशनल लोक अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव द्वारा दी गई समझाईस से उनके मध्य बैर समाप्त होकर पुनः मधुर सम्बन्ध स्थापित हो गये उन्हें न्यायालय से एक-एक फलदार वृक्ष भेंटकर किया गया जहां देवरानी-जेठानी राजीखुषी विदा हुए। 

नेशनल लोक अदालत की फैक्ट फाईल

मोटरयान संबंधी मामले में मोटर दुर्घटना दावा के रखे गये 9 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों में राजीनाम हुआ जिसमें 1995000 रुपए के अवार्ड पारित हुए। बिजली बिल संबंधित मामले में प्रीलिटिगेशन के बिजली बिल वसूली राशि के 2311 मामले रखे गये थे जिनमें 2311 मामले निराकृत, 126650 रुपए के समझौते हुए। 

नल-जल प्रकरण में नगर निगम के नल जल 152 वसूली योग्य प्रकरण राजीनामा हेतु रखे गये थे जिसमें से 03 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें राशि 14324 रुपए के समझौते हुए। कुटुम्ब न्यायालय के नेशनल लोक अदालत में पारिवारिक विवाद के 42 मामले रखे गये जिसमें से 27 मामलों का निराकरण राजीनामा से हुआ जिसमें 318800 रुपए की राशि के आदेश पारित किए गए। राजस्व मामले के नेशनल लोक अदालत में राजीनामा हेतु राजस्व न्यायालय के रखे गये 15724 मामलों में से 15724 पूरे मामले निराकृत हुए जिसमें 16 करोड़ 63 लाख 88 हजार 845 रूपये के सेटलमेंट हुए।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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