मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के स्थानांतरण आदेश को स्टोर कीपर हरिराम साहू और खिलावन चंद्राकर ने दिखाया ठेंगा.. 👍👍 स्वास्थ्य विभाग के आदेशों की अनदेखी :- छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र फरवरी 2024 के दौरान 3 वर्ष से एक ही स्थान पर कार्यरत स्टोर कीपरों का स्थानांतरण किया जाना था फिर भी यह दोनों कर्मचारी अपने पुराने स्थान पर बने हुए हैं .. कहीं ना कहीं सरकारी दवाइयों को लेकर साठगांठ और घोटाला का आशंका..? क्या कलेक्टर स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष होने के नाते इस आदेश को लागू करेंगे या इनके ऊपर गिरेगी निलंबन की गाज पढ़े पूरी खबर जांच करने पर होगा भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा ..👇🏻👇🏻
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
स्टोर कीपरों के स्थानांतरण आदेश की अवहेलना पर बड़ा सवाल
आदेश की पृष्ठभूमि:
छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र (फरवरी 2024) के दौरान विधायक श्री व्यास कश्यप द्वारा स्टोर कीपरों को तीन साल से अधिक एक ही स्थान पर पदस्थ रहने पर आपत्ति उठाई गई थी। इस मुद्दे पर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर 03 वर्ष से एक ही स्थान पर कार्यरत स्टोर कीपरों का स्थानांतरण किया था।
स्पष्ट निर्देश:
05 जुलाई 2024: संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ, रायपुर द्वारा आदेश संख्या 695 के तहत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि 03 वर्ष से एक ही स्थान पर कार्यरत स्टोर कीपरों को हटाकर नए व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जाए।
08 जुलाई 2024: कबीरधाम जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आदेश संख्या 4560 जारी कर हरिराम साहू और खिलावन चंद्राकर का स्थानांतरण किया।
हरिराम साहू को सिविल सर्जन कार्यालय भेजा गया।
खिलावन चंद्राकर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भेजा गया।
आदेश की अवहेलना
19 जुलाई 2024: दोनों कर्मचारियों ने अपने नवीन पदस्थापना स्थल पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराई।
हरिराम साहू और खिलावन चंद्राकर की आपसी सांठगांठ से आदेश का पालन बाधित हुआ।
आरोप है कि दोनों कर्मचारी अपने पुराने स्थान पर बने रहकर सरकारी दवाइयों की बिक्री और अन्य संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
गंभीर आरोप और लापरवाही:
हरिराम साहू पर पहले भी एक्सपायरी दवाइयों को खपाने का आरोप लग चुका है।
दोनों कर्मचारियों के खिलाफ जिला स्तर पर कार्यवाही हुई थी, फिर भी वे अपने स्थान पर डटे हुए हैं।
यह स्वास्थ्य विभाग के आदेशों की अवहेलना और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
सवाल उठते हैं:
क्या कलेक्टर, स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष होने के नाते इस आदेश को लागू करेंगे?
क्या जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है?
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और कर्मचारियों की सांठगांठ ने आदेशों के पालन पर सवाल खड़ा कर दिया है। अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही करनी होगी ताकि शासन के निर्देशों का सम्मान हो और प्रशासन में पारदर्शिता बनी रहे।
मुख्य बिंदु:
अवहेलना: कर्मचारियों ने स्थानांतरण आदेश नहीं माना।
संदेह: भ्रष्टाचार और घोटालों की आशंका।
जिम्मेदारी: जिला कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग को सख्त कार्यवाही करनी होगी।
अभी पिटारे में बहुत से राज बंद है… बहुत जल्द होगा और खुलासा
सर्जिकल समान और दवाइयां को लेकर ज्ञात सूत्रों से पता चला है की खुद फर्म बनाकर अपने अलग-अलग रिश्तेदारों के नाम पर खुद ही सप्लाई कर रहे हैं दवाइयां और सर्जिकल सामान जिला स्वास्थ्य विभाग में इसका भी खुलासा बहुत जल्द होगा और ऐसे जांच में अगर भ्रष्टाचार और शासन को गुमराह करने का काम इन दोनों स्टोर द्वारा किया रहा है भ्रष्टाचार मामला होने पर चिकित्सा विभाग बहुत बड़ी कार्यवाही करेगा।