पुलिस अधीक्षक स्वयं उतरे सड़कों पर, रात्रि गश्त से जनता में विश्वास, अपराधियों में खौफ

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डॉ मिर्जा कवर्धा
कबीरधाम जिले में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और जनता के बीच सुरक्षा का भरोसा बढ़ाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने 9 और 10 जनवरी की दरम्यानी रात शहर में पुलिस टीम के साथ रात्रि गश्त किया। इस दौरान उन्होंने अपनी टीम के साथ शहर के प्रमुख स्थानों का भ्रमण किया और पुलिस की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। साथ ही बेवजह घूमने वालों को बिना करें रात में न घूमने की सख्त हिदायत दी। गश्त की शुरुआत सिग्नल चौक, कवर्धा से हुई। पुलिस अधीक्षक ने यहां से बस स्टैंड और आसपास के क्षेत्रों में पैदल गश्त की, जिससे जनता में पुलिस की सक्रिय उपस्थिति का स्पष्ट संदेश गया। उन्होंने बाजारों, सार्वजनिक स्थलों और संवेदनशील स्थानों का पैदल भ्रमण करते हुए सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे शहर के अन्य इलाकों का दौरा किया और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी। इस दौरान डीएसपी कवर्धा कृष्ण कुमार चंद्राकर, थाना कोतवाली प्रभारी लालजी सिन्हा, यातायात प्रभारी प्रवीण खलखो, थाना पिपरिया प्रभारी कमलाकांत शुक्ला, भोरमदेव प्रभारी अरविंद साहू और अन्य पुलिस कर्मी भी गश्त में शामिल रहे।
गश्त के दौरान पुलिस टीम ने संवेदनशील क्षेत्रों में संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए। राजमहल चौक पर ड्यूटी में तैनात पुलिस जवानों की सतर्कता और मुस्तैदी से प्रभावित होकर पुलिस अधीक्षक ने उनकी सराहना की और नगद इनाम देने की घोषणा की।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि विजिबल पुलिसिंग अपराधियों पर दबाव बनाने और जनता में सुरक्षा का माहौल स्थापित करने का एक प्रभावी तरीका है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि यह अभियान नियमित रूप से जारी रहे, ताकि असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
यह गश्त अभियान न केवल पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ है, बल्कि जनता में सुरक्षा का भरोसा भी मजबूत हुआ है। देर रात तक पुलिस की उपस्थिति ने असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित किया और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का संदेश दिया।
पुलिस की यह सक्रियता समाज में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ नागरिकों के सहयोग से अपराध मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।