संगोष्ठी में कवियों ने पढ़ीं श्रेष्ठ कविताएँ, श्रद्धांजलि दी व विचार विमर्श किया..

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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा। वनमाली सृजन केन्द्र एवं पाठक मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार 2 जून की शाम को साहित्यकार महेश आमदे के निवास में संपन्न हुई। सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रवि श्रीवास्तव की दिवंगत धर्मपत्नी प्रतिमा श्रीवास्तव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कविता पाठ के सत्र में समयलाल विवेक ने जनसंघर्ष को स्वर देते हुए ‘हम लड़ेंगे साथी’ शीर्षक से कविता पढ़ी। सात्विक श्रीवास्तव ने तस्वीर के प्रतीक से कई बिम्ब प्रस्तुत किए। भागवत साहू ने लघुकथा का पाठ किया। देवचरण ध्रुव ने दोहे के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। संतराम थवाईत ने सिस्टम की विसंगतियों पर व्यंग्य कविता पढ़ी। अजय चंद्रवंशी ने मुकेश, किशोर, रफी की आवाज़ को सुंदर शब्दों में व्यक्त किया। नरेन्द्र कुलमित्र संवेदना को स्वर दिया।
नीरज मंजीत ने कविता के जरिए विज्ञान और प्रेम को व्यक्त किया। पुष्पांजलि नागले ने गीत के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। महेश आमदे ने छत्तीसगढ़ी जनऊला का पाठ किया। रमेश चौरिया ने जल संरक्षण की महत्ता बताई। अश्विनी कोसरे ने छत्तीसगढ़ी बाल कविताएं पढ़ीं। प्रहलाद पात्रे ने बैगाओं का विदाई गीत बिलमा के बारे में जानकारी दी। सुखदेव अहिलेश्वर ने छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल का पाठ किया। सोमप्रकाश वर्मा ने दिसंबर की शीत और राजाराम हलवाई ने मई की गर्मी को शब्दों में अभिव्यक्त किया। आखिर में केंद्र के अध्यक्ष नीरज मनजीत ने अगस्त माह में भोपाल में होने वाले वार्षिक सम्मेलन की जानकारी दी। कबिरा वैचारिक मंच की ओर से साहित्यिक पत्रिका प्रकाशित करने पर सहमति जताई गई।