वृक्षों की सुरक्षा में नाकाम वन विभाग वन विकास समिति पंडरिया की जंगल में भीषण आग.. पंडरिया क्षेत्र के एसडीओ फॉरेस्ट ईस्ट और वेस्ट के दोनों रेंजर और वन विकास समिति निगम के रेंजर कुंभकरण नींद में जंगल में लगी है आज और यह मान रहे होली का.. कवर्धा के वन मंडल अधिकारी से जब इस विषय में पहले भी बातचीत किया गया तो विषय को भटकाकर कुछ अन्य विषयों पर बात किया जाता है आखिर ऐसे लापरवाह अधिकारी के ऊपर कैसे बड़े अधिकारियों का मिल रहा है संरक्षण..?
बहुत जल्द इन विभागों का ग्राउंड एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.. और विधानसभा सदन में भी उठाया जाएगा इस मुद्दे पर प्रश्न..

Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
दिनांक-13/03/25: पंडरिया के चितहरिन मंदिर के पास स्थित वन क्षेत्र में होलिका दहन की शाम से लगी भीषण आग ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की नाकामी को उजागर कर दिया है। आग इतनी भयावह थी कि रातभर जंगल धू-धू कर जलता रहा, लेकिन वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए न तो समय पर सक्रिय हुए और न ही कोई तत्परता दिखाई।
घटना के अनुसार, 13 मार्च को जब पूरे देश में होलिका दहन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा था, वहीं पंडरिया के जंगलों में आग ने कहर बरपाना शुरू कर दिया था। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि ये 10 से 15 एकड़ तक फैल गईं और रात होते-होते यह आग 40 एकड़ तक पहुँच गई। इस दौरान वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आगजनी से पूरी तरह बेखबर रहे, और न तो आग बुझाने के लिए किसी प्रकार का समुचित प्रयास किया गया, न ही कोई त्वरित कार्रवाई की गई।
इस आगजनी में साल, सागौन जैसे बेशकीमती पेड़ जलकर खाक हो गए, जिससे वन्यजीवों के लिए खतरा पैदा हो गया और जंगल का पारिस्थितिकी तंत्र भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। हालांकि, आज सुबह करीब 10 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग की तबाही से वन विभाग की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है।
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि पंडरिया वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी का स्तर बेहद घटिया है। यदि समय पर त्वरित कार्रवाई की जाती, तो शायद जंगल की इस विशाल हिस्से को बचाया जा सकता था। अब सवाल उठता है कि जब वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों से इतने लापरवाह हैं, तो इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए जिम्मेदार कौन होगा ?
पंडरिया वन विभाग और वन विकास समिति का सिस्टम..पूरी तरह फेल दिख रहा है केवल कागजों में ही लीपापोती कर विभागीय खाना पूर्ति किया जा रहा है इस क्षेत्र के वन विभाग के एसडीओ और ईस्ट और वेस्ट के दोनों रेंजर उनकी लापरवाही तो आसमान छू रहा है फिर भी अगर इनके बारे में विभाग के उनके बडे अधिकारियों को बताया जाता है तो उन पर कार्रवाही न कर बड़े अधिकारियों द्वारा इनका संरक्षण दिया जाता है और वन विभाग के अधिकारी से इस विषयो पर सवाल करने पे पूछा कुछ और जाता है लेकिन जवाब कुछ और दिया जाता है आप लेकिन यह पब्लिक है साहब सब जानती है आने वाले समय में इसका फुटेज वीडियोग्राफी फोटोग्राफी विधानसभा सत्र के सवाल में भी उठाया जाएगा और सरकार की योजनाओं का जो केवल विभाग के कागजों में लीपा पोती कर आम जनता को और सरकार को जो गुमराह करने का काम वन विभाग अमला और वन विकास समिति के द्वारा किया जा रहा है उसका भी बहुत जल्द ग्राउंड एक्सक्लूसिव रिपोर्ट्स सरकार को और जनता को भी दिखाया जाएगा।