एक्सक्लूसिव न्यूज़कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने टीबी मुक्त 84 ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया सम्मानित.. 

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

कवर्धा, 25 जुलाई 2025। टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार द्वारा संचालित अभियान में कबीरधाम जिले की 84 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के उपलक्ष्य में आज पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम, कवर्धा में आयोजित सम्मान समारोह में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 84 ग्राम पंचायतों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गोसेवा आयोग अध्यक्ष  विशेषर पटेल, सीजीएमएससी बोर्ड के अध्यक्ष  दीपक महसके, कलेक्टर  गोपाल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष  ईश्वरी साहू, नगरपालिका परिषद कवर्धा अध्यक्ष चंदप्रकाश चंद्रवंशी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष  कैलाश चंद्रवंशी, जिला पंचायत सदस्य  रामकुमार भट्ट, जिला पंचायत सीईओ अजय त्रिपाठी, सहित कई जनप्रतिनिधिगण और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

जिले के कवर्धा विकासखंड के 14 ग्राम, बोड़ला के 23, सहसपुर लोहारा के 19 और पंडरिया विकासखंड के 28 ग्राम पंचायत टीबी मुक्त होने की उपलब्धि प्राप्त किया है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के नेतृत्व में जिले में ‘निक्षय मित्र योजना’ को प्रभावी ढंग से लागू किया गया, जिसमें जनभागीदारी को केंद्र में रखते हुए टीबी मरीजों को दवा के साथ पोषण भी उपलब्ध कराया गया। यह उपलब्धि शासन की मजबूत इच्छाशक्ति, प्रशासनिक तत्परता और समाज की सक्रिय भागीदारी के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है। कबीरधाम जिले की यह सफलता न केवल जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत बन गई है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले मितानिन, सामाजिक संस्था, स्वास्थ्य कर्मी को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया। 

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कबीरधाम जिले का जिंदा गांव प्रदेश का पहला ऐसा गांव है जहां स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वयं पहुंचकर टीबी मुक्त प्रमाणपत्र प्रदान किए। यह ग्राम पंचायत, मितानिन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयास का परिणाम है। उन्होंने 84 टीबी मुक्त घोषित ग्राम पंचायतों को बधाई देते हुए सभी सरपंचों, मितानिनों और स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान की सराहना की।उन्होंने कहा कि कबीरधाम जिले की यह उपलब्धि न केवल जिले के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। टीबी जैसी गंभीर बीमारी के खिलाफ सामूहिक लड़ाई में जनभागीदारी और प्रशासनिक दृढ़ संकल्प की अहम भूमिका रही है। यह उपलब्धि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में लंबे समय से सीटी स्कैन मशीन की आवश्यकता थी, जिसको प्राथमिकता से पूरा करते हुए आज साढ़े 4 करोड़ की लागत से स्थापित कर लोकार्पण किया गया। अब जिलेवासियों को रायपुर या अन्य बड़े शहरों की ओर दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कवर्धा में एक साथ 38 डॉक्टरों की पदस्थापना की गई है और सभी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। सभी डॉक्टर सेवा भाव से कार्य करते है। यह स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल के सामने मरीजों के परिजनों के विश्राम के लिए भवन का निर्माण किया गया है। जहां मरीज के परिजन रुकते है। ऐसे ही किसानों के उसके रुकने के लिए अनुविभागीय कार्यालय कवर्धा में सर्व सुविधायुक्त किसान सदन बनाया गया है। इसके अलावा अनुविभागीय कार्यालय बोड़ला, लोहारा और शक्कर कारखाना में भी किसान सदन का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि रायपुर में भी कवर्धा सदन बनाया गया है। जहां जिले से राजधानी जाने वाले लोग रुक सकते हैं। इसमें भोजन, नाश्ता, वाहन सुविधा सहित 14 कर्मचारियों की व्यवस्था है। यहां हॉस्पिटल जाने के लिए वाहन की भी सुविधा भी है। यह सदन रायपुर के जेल परिसर के समीप स्थित है। 

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वनांचल क्षेत्रों में सोनोग्राफी सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे अब तक 717 महिलाओं की जाँच की जा चुकी है। महिलाओं को अब कवर्धा आने की जरूरत नहीं पड़ रही, यह सुविधा गांवों में ही उपलब्ध हो रही है। उदयाचल संस्था द्वारा संचालित मोबाइल नेत्र जांच वैन के बारे में उन्होंने बताया कि आज इसका शुभारंभ किया गया है। यह वेन तरेगांव, रेंगाखर, कुकदूर, बोक्काखार जैसे दुर्गम क्षेत्रों में जाकर मोतियाबिंद की पहचान और इलाज कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि कैंसर की रोकथाम के लिए बालकों से संवाद कर नियमित कैंप आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने समाज से टीबी के खिलाफ लड़ाई में भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि निश्चय मित्र बनें और टीबी मरीजों के साथ खड़े रहें। यह लड़ाई सामूहिक प्रयास से ही जीती जा सकती है।

उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि कवर्धा में 220 बिस्तरों के अस्पताल के साथ 50 सीटों वाला मेडिकल कॉलेज आगामी सत्र से प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए 3.25 करोड़ रुपए की लागत से भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। टेंडर हो चुका है और भवन निर्माण के पहले ही कॉलेज की कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी। उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल को स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर सक्रिय प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मानचित्र में कबीरधाम की पहचान और भी सशक्त हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कवर्धा भगवान भोरमदेव और संत कबीर की पावन भूमि है। यहां आकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे व्यापक और गुणवत्तापूर्ण बदलावों को देखना गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में कवर्धा जिला अस्पताल में अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन की शुरुआत की गई है, जो इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात है। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर टीबी मुक्त घोषित हुई 84 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और जनप्रतिनिधियों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि प्रशासन, मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक-धार्मिक संगठनों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ का सपना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देखा है, जिसे दिसंबर 2025 तक साकार करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी दिशा में राज्य में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला कवर्धा का जिंदा गांव छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा गांव बना, जहां जाकर खुद मंत्री ने प्रमाण पत्र सौंपा।

      स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य या समाज की सबसे बड़ी पूंजी है — नागरिकों का स्वस्थ रहना। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के तीन चरण होते हैं पहला रोकथाम, दूसरा इलाज और तीसरा स्वस्थ जीवन इन्हीं तीन स्तंभों पर आधारित नीति से प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राज्य में पहले 10 मेडिकल कॉलेज थे, जिन्हें मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बढ़ाकर अब 15 कर दिया गया है। कवर्धा को भी इसका लाभ मिला है यहां सवा 300 करोड़ रुपए की लागत से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है, जिसका टेंडर जारी हो चुका है। साथ ही जिला अस्पताल में बिस्तरों की संख्या 100 से बढ़ाकर 220 की जा रही है। सीटी स्कैन के संचालन के लिए रेडियोलॉजिस्ट की भी नियुक्ति की गई है।

     स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डॉक्टर्स डे के अवसर पर राज्य में 700 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जिसमें से कवर्धा को 38 नए डॉक्टर मिले हैं। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा राज्य में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 8 से बढ़ाकर 20 की जा रही है। 6 फिजियोथैरेपी कॉलेज, 4 योग और नेचुरोपैथी अस्पताल, और 3 मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल स्थापित किए जा रहे हैं। जगदलपुर में 10 मंजिला सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण अंतिम चरण में है, जहां जवानों को तुरंत इलाज मिलेगा और रायपुर रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने मितानिनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके मानदेय का भुगतान समय पर किया जाएगा और उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरगुजा से लेकर बस्तर तक प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं।

         कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के नेतृत्व में जिले में ‘निक्षय मित्र योजना’ को प्रभावी ढंग से लागू किया गया, जिसमें जनभागीदारी को केंद्र में रखते हुए टीबी मरीजों को दवा के साथ पोषण भी उपलब्ध कराया गया। स्वयं कलेक्टर ने कवर्धा विकासखंड के चार टीबी मरीजों को गोद लेकर प्रोटीन युक्त आहार प्रदान कर उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दिलाया। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि निक्षय मित्र योजना सामाजिक सहभागिता का उत्कृष्ट उदाहरण है। समाज के सक्षम व्यक्ति यदि एक मरीज की मदद करें तो टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक कई शासकीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और नागरिक टीबी मरीजों की मदद के लिए आगे आए हैं।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

संबंधित आलेख

Back to top button
error: Content is protected !!