निजी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग अलर्ट कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने 21 बिन्दूओं पर दिशा-निर्देश जारी किए
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने कहा- प्रत्येक निजी स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं तथा पालकों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रशासनिक, शिक्षा विभाग का एक अधिकारी नोडल ऑफिसर नियुक्त होगा,जो माह में एक बार स्कूलों को निरीक्षण और पालकों तथा छात्रों से चर्चा करेंगे
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा, 11 फरवरी 2023। कवर्धा के गुरूकुल में हुए घटना को विशेष ध्यान में रखते हुए स्कूली शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने निर्देश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सहित अलग-अलग 21 बिन्दूओं पर निजी शैक्षणिक संस्थानाओं के लिए सख्त निर्देशा-निर्देश जारी किया है। कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि जिले के प्रत्येक निजी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं तथा पालकों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रशासनिक, शिक्षा विभाग का एक अधिकारी नोडल ऑफिसर नियुक्त होगा,जो माह में एक बार स्कूलों को निरीक्षण और पालकों तथा छात्रों से चर्चा करेंगे। कलेक्टर ने स्कली बच्चां की सुरक्षा के लिए विभिन्न अधिनियम और स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्रों के आधार पर निजी शैक्षणिक संस्थान एवं प्रबंधकों को जारी दिशा-निर्देशों को कढ़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए कहा है। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री महेन्द्र गुप्ता ने बताया कि कलेक्टर के आदेश एवं दिशा-निर्देश के अनुपालन में निजी स्कूलों के बेहतर संचालन में आज अलग-अलग 21 बिन्दूआें पर निर्देश जारी किए गए है। जारी निर्देशों को पालन करना निजी शैक्षणिक संस्थानाओं को अनिवार्य किया गया है,जिसकी सतत मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
जारी निर्देश के अनुसार प्रत्येक निजी स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं तथा पालकों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रशासनिक, शिक्षा विभाग का एक अधिकारी नोडल ऑफिसर नियुक्त होगा। जिसका नाम, पदनाम एवं मोबाईल नंबर प्रत्येक स्कूल के नोटिस बोर्ड पर बड़े अक्षरों में अंकित करना होगा। संबंधित नोडल ऑफिसर माह में कम से कम एक बार स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा तथा पालकों और छात्रों से चर्चा की जाएगी। स्कूलों में प्रवेश उपरांत प्रत्येक छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्कूल की होगी। प्रत्येक स्कूल अपनी बिल्डिंग, विद्युत व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था तथा स्कूल बसों आदि का सेफ्टी ऑडिट सक्षम प्राधिकारी से कराएंगे। इसकी रिपोर्ट संबंधित नोडल ऑफिसर को उपलब्ध कराएगा। प्रत्येक स्कूल में पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र एवं उसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ रहेगा। छोटे बच्चों एवं दिव्यांग बच्चों के लिए बाधा रहित एवं उनके अनुकूल आवागमन की व्यवस्था रहेगी। प्रत्येक स्कूल वाहन में एक महिला शिक्षक या महिला अटेन्डेन्ट अनिवार्य रूप से रखा जाए। बच्चों को पहुंचाते समय और छुट्टी के बाद छोड़ते समय आखिरी गन्तव्य स्थल पर बच्चे के उतरते तक महिला शिक्षक या महिला अटेन्डेन्ट वाहन में अनिवार्यतः रहेंगें। प्रत्येक स्कूल वाहन जो स्कूल में स्कूल प्रबंधन की ओर से या निजी रूप में सामूहिक रूप से बच्चों को लाने-लेजाने का कार्य हो, के प्रत्येक स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाना है। वेरीफिकेशन की एक प्रति स्कूल प्रबंधन के पास रहेगी। प्रत्येक स्कूल अपने यहां बच्चों के आवागमन में उपयोग होने वाले वाहनों, उनके स्टाफ तथा छात्रों एवं पालकों की समस्याओं में समन्वय करने के लिए पृथक से ट्रांसपोर्ट मैनेजर की नियुक्ति करेंगें जिसका नाम एवं फोन नंबर प्रत्येक वाहन में तथा स्कूल के नोटिस बोर्ड में अंकित होगा। प्रत्येक स्कूल वाहन में गुणवत्तापूर्वक लाईव सी.सी.टी.व्ही. कैमरा (जीपीएस युक्त) की व्यवस्था होगी। स्कूल प्रबंधन सम्पूर्ण स्कूल परिसर विशेष रूप से आने-जाने के सभी गेट, पार्किंग, बाउण्ड्री, लाबी आदि को कव्हर करते हुए गुणवत्तापूर्ण लाईव सी.सी.टी.व्ही. कैमरे की व्यवस्था करेंगें। स्कूल एवं वाहनों में लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों को देखने के लिए पृथक से कन्ट्रोल रूम रहेगा, जहां स्कूल टाईप में पृथक स्टाफ बैठकर स्क्रीन में उन कैमरों के माध्यम से गतिविधियों पर नजर रखेगा। आवासीय विद्यालयों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरों की गतिविधियों को देखने के लिए 24 इनटू 7 पृथक स्टाफ रहेगा।
स्कूल परिसर, वाहन छात्रावास आदि में लगे सभी कैमरों की नियमित जांच पालक शिक्षक समिति के द्वारा समय-समय पर की जा सकेगी। स्कूलों में बच्चों के साथ किसी भी तरह की शारीरिक-मानसिक दुर्व्यवहार तथा यौन शोषण संबंधी शिकायतों की जांच के लिए स्कूल प्रबंधन तथा पालकों की विशेष समिति होगी। ए- इस समिति का गठन सत्र प्रारम्भ होने के एक माह के भीतर करना होगा। समिति की सदस्य संख्या में 25 प्रतिशत छात्र/छात्राएं 50प्रतिशत शाला प्रबंधन के प्रतिनिधि, शिक्षक तथा 25 प्रतिशत पालक शिक्षक समिति के सदस्य होंगे ( समिति में 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी)। उक्त समिति में प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में पूर्व नियुक्त 25 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के स्थान पर नवीन नियुक्ति की जाएगी। शिकायत प्राप्त होने पर स्कूल के प्राचार्य द्वारा समिति को तत्काल जानकारी दी जाएगी। स्कूल में किसी भी तरह के यौन शोषण संबंधी शिकायत/अपराध घटित होने पर संस्था के प्राचार्य-प्रबंधन कमेटी द्वारा जिला बाल कल्याण समिति एवं संबंधित पुलिस थाना को अनिवार्य रूप से लिखित में तत्काल सूचित किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में गठित पालक शिक्षक समिति (पीटीए) को प्रबंधन के द्वारा सक्रिय किया जाकर इसकी गुणवत्तापूर्ण बैठक प्रतिमाह ली जाए तथा जानकारी
संबंधित नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे। उक्त समिति के सदस्यों के नाम व मोबाईल नंबर पृथक से नोटिस बोर्ड में अंकित कराए जाएंगें। प्रत्येक स्कूल में नियमित रूप से छात्र-छात्राओं में जागरूकता लाने के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए, जिसमें उन्हें गुड टच, बैड टच एवं बाल अधिकारों की जानकारी दी जाए। प्रत्येक स्कूल के शैक्षणिक स्टाफ, स्कूल परिसर में कार्यरत अन्य सभी स्टाफ, वाहन के चालक, परिचालक, अटेन्डेन्ट आदि में भी बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए नियमित कार्यशाला आयोजित की जाए। स्कूलों में यथा सम्भव सभी छात्र-छात्राओं को तनाव प्रबंधन एवं अन्य मानसिक समस्याओं के संबंध में जागरूकता लाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षित स्टाफ से काउंसलिंग कराई जाए। सभी स्कूल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देश अधिनियम 2012 किशोर न्याय अधिनियम (जेजेएक्ट) 2015 के प्रावधान, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 तथा स्कूल शिक्षा विभाग से जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगें।