मिलेट्स कार्निवल संगोष्ठी में कवर्धा वनमण्डल के जुनवानी स्व.सहायता समूह को सम्मानित किया गया
छत्तीसगढ़ राज्य में संग्रहित मिलेट्स का 50 प्रतिशत कोदो, कुटकी व रागी कबीरधाम जिले में किया जाता है उपार्जित -डीएफओ सिंह
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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा 21 फरवरी 2023। इंडियन इंस्ट्यिट ऑफ मिलेट्ल रिसर्च हैदराबाद तथा छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में 17 फरवरी 2023 से 19 फरवरी 2023 तक, सुभाष स्टेडियम रायपुर, पोष्टिक धान्य (मिलेट्स कार्निवल) का आयोजन किया गया। मिलेट्स कार्निवल के समापन समारोह में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कबीरधाम जिले के प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति जुनवानी के प्रबंधक बसंत मानिकपुरी तथा दुर्गा स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिव को सर्वाधिक कोदो, कुटकी उपार्जन करने तथा प्राथमिक प्रसंस्करण करने पर प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर वन बल प्रमुख संजय शुक्ला, डायरेक्टर ए.पी.ई.डी.ए. डॉ. तरूण बजाज, पी.आई.सी.ई.ओ. आर.ए.बी.आई.जी.के.वी. डॉ. हुलास पाठक, प्रोफेसर राम कुमार कांकाणी डायरेक्टर आई.आई.एम. रायपुर, वनमंडलाधिकारी कवर्धा चूड़ामणी सिंह सहित गणमान नागरिक उपस्थित थे।
मिलेट प्रसंस्करण संगोष्टी में वनमंडलाधिकारी कवर्धा चूड़ामणी सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में संग्रहित मिलेट्स का 50 प्रतिशत कोदो, कुटकी व रागी कवर्धा (कबीरधाम) जिले में उपार्जित किया जाता है। वनमण्डलाधिकारी ने संगोष्ठि में कहा कि अभी हम टेस्टी फूड पर ध्यान देते है, हेल्दी फूड पर नही। जबकि पोष्टिक भोजन भी हेल्दी होता है जैस कोदो, कुटकी व रागी के व्यंजन भी हेल्दी होते है। इनमें प्रोटीन, रेशा, कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि हमे दैनिक खान-पान में मिलेट्स का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कवर्धा वनमण्डल में 05 वन धन केन्द्रो में से चार स्थानो बोड़ला, जुनवानी, रेगाखार तथा तरेगांव में कोदो, कुटकी प्रसंस्करण की मशीने लगाई गई है। वन धन केन्द्र प्रभारी समूह कोदो, कुटकी व रागी क्रय कर उसका प्राथमिक प्रसंस्करण कर कोदो से कोदई, कुटकी से कुटकी चावल तथा रागी आटा तैयार कर रहे है। मिलेट्स कार्निवल में इन समूहो द्वारा तैयार किए गए कोदो चावल, कुटकी चावल तथा कोदो, कुटकी तथा रागी आटा को प्रदर्शन के लिए रखने पर रायपुर शहरवासियो द्वारा इन उत्पादो की वृहद मात्रा में खरीदी की गई। इससे स्पष्ट है कि जन समान्य पोष्टिक धान्य को अपनाने के लिये तैयार है।