विप्र भवन कवर्धा में आज दिनांक 10 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान परशुराम जी का प्रागट्य उत्सव मनाया गया है..

Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा—विप्र भवन कवर्धा में आज दिनांक 10 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर भगवान परशुराम जी का प्रागट्य उत्सव मनाया गया है जिसमें सर्वप्रथम भगवान परशुराम की तैलचित्र में माल्यार्पण कर विधिविधान से पूजन किया गया तत्पश्चात प्रसाद वितरण का किया गया वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए भगवान परशुराम जी के जीवनचरित्र पर प्रकाश डाला ।
इस अवसर पर विषय प्रवेश करते हुए प्रमोद शुक्ला ने भगवान परशुराम के कर्तृत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान परशुराम जी पहले ऋषि थे जिन्होंने गुरू कुलों को एकत्र कर सर्वप्रथम संगठित किए थे जिनके कारण ही ब्राम्हणों के आदि संगठन कर्ता के नाम से उनकी पूजा की जाती है। नंद शर्माजी ने भगवान परशुराम के पितृ भक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज को उनसे प्रेरणा लेना चाहिए प्रो. उमेश पाठक ने बतलाया कि वे 07 अमर लोगों में एक हैं इसलिए उनके जन्मदिन को अक्षय तृतीया कहा जाता है, रेखा पाण्डेय ने भगवान परशुराम से प्रेरणा लेते हुए आज भी समाजव को एक रखने पर तथा सभी को एक मंच पर आने का आह्वान किया। मधु तिवारी ने उनकी जीवन पर प्रकाश डाला तो डॉक्टर आनंद मिश्रा जी ने उनके शौर्य और धैर्य तथा अलग अलग युगों में उनके द्वारा किए कार्य का उल्लेख किया।
उपस्थित सभी ब्राम्हणों ने एक साथ उनके तैल चित्र का पूजा भी किया।
उक्त अवसर पर विप्रसमाज के उपाध्यक्ष उमंग पान्डेय,युवा अध्यक्ष डॉ आनंद मिश्रा,कीर्ति दत्त तिवारी,दिलिप तिवारी,बिन्नू तिवारी,प्रमोद शुक्ला,नंद कुमार शर्मा ,उमेश पाठक समाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वेदनारायण तिवारी, समाज के उपाध्यक्ष मधु तिवारी, आभा तिवारी ज्योत्सना शर्मा,मधु तिवारी रेखा पाण्डेय,अर्चना तिवारी,, प्रतिमा शर्मा आदि उपस्थित थे।