कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना से किसानों की बढ़ेगी आय ,मुख्यमंत्री  बघेल और वनमंत्री अकबर करेंगे 21 मार्च को योजना का वर्चुअल शुभारंभ

आयोजन की तैयारियों में जुटा जिला प्रशासन, कलेक्टर और डीएफओ ने आयोजन स्थल का अवलोकन कर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश ,योजना के तहत प्रतिवर्ष 400 एकड़ में होंगे पौधरोपण

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डॉ मिर्जा कवर्धा 

कवर्धा, 17 मार्च 2023। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  मोहम्मद अकबर मुख्यमंत्री निवास से ग्राम बरपेलाटोला में 21 मार्च को मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का वचुअल शुभारंभ करेंगे। इस योजना से किसानों की आय बढ़ेगी, साथ-साथ सकरी नदी की तस्वीर बदलेगी। प्रदेश में वृक्षों के व्यवसायी उपयोग को बढ़ावा देने की संभावनाओं के तहत मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने इस योजना की शुभारंभ करने की घोषणा की है।

सकरी नदी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में तैयार मास्टर प्लान में कबीरधाम जिले क्षेत्र में प्रवाहित सीमा 45 किलोमीटर और नदी के तटीय 59 गावों को शामिल किया गया है। इस योजना का विस्तार करते हुए प्रतिवर्ष 400 एकड़ में अतिरिक्त पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर  जनमेजय महोबे और वन मंडलाधिकारी  चूड़ामणि सिंह ने योजना के शुभांरभ के तैयारियों का अवलोकन किया और संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कवर्धा एसडीएम श्री संदीप ठाकुर सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने बताया कि राज्य शासन की मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत करियाआम से लेकर कबीरधाम जिले क्षेत्र में सकरी नदी के प्रवाहित कुल 45 किलोमीटर की दूरी को शामिल किया गया है। सकरी नदी के इस 45 किलोमीटर तक नदी के दोनों तटों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से होने वाले नुकसान के रोकने के लिए बहुगुणिय पौधा का रोपण किया जाएगा। कलेक्टर अवलोकन के बाद इस सर्वे कार्य के संबंध में आज बोडला एसडीएम और कवर्धा एसडीएम से पूरी जानकारी भी ली।

वनमंडलाधिकारी ने बताया कि करियाआमा से लेकर अंतिम प्रवाह क्षेत्र के शासकीय भूमि पर कैंपा, मनरेगा और अन्य योजनाओं से कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार निजी भूमि पर नदी के कटाव को रोकन नदी के संक्षण एवं संवर्धन को विशेष ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में शामिल किया गया है। इससे अनुउपयोगी भूमि में संबंधित किसानों के आय में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजन भी किया जाएगा। नदी तट पर बहुगुणिय पौधे जैसे सफेद चंदन, रूद्राक्ष, टिशू सौगौन, टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया नीम, औषधीय एवं वाणिज्यिक पौधे स्टीविया, अश्वगंधा, सर्पगंधा, सतावर पौधों का शामिल किया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने बताया कि सकरी नदी में कुल 19 एनिकट एवं निर्माण कार्य शामिल है।

क्या है मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना

राज्य में किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से हाल ही में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ में भाग लेने हेतु इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण हेतु आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं। इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, इस योजना के हितग्राही होंगे। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों का रोपण हेतु 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों के सहभागिता का प्रस्ताव है।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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