कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

विशेष पिछडी जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार प्रतिबद्ध– केबिनेट मंत्री अकबर ,केबिनेट मंत्री अकबर ने 20 लाख रुपए की लागत से विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के समाजिक भवन का किया लोकार्पण 

Editor In Chief

डॉ मिर्जा कवर्धा 

 

कवर्धा, 29 सितंबर 2023। प्रदेश के वन, परिवहन, आवास, पर्यावरण, विधि विधायी तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री व कवर्धा विधायक मो.अकबर ने जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति समाज के लिए जिला मुख्यालय में 20 लाख रुपए की लागत से बैगा समाज के सामाजिक भवन का लोकार्पण किया। बैगा समाज के सदस्यों ने मंत्री अकबर का पारंपरिक रूप से पगड़ी पहनाकर और बिरनमाला से स्वागत किया। उल्लेखनीय है कि केबिनेट मंत्री  अकबर के प्रयासों से कबीरधाम छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला है, जहां विशेष संरक्षित एवं पिछड़ी बैगा जनजाति समाज के उत्थान के लिए जिला स्तरीय जमीन और बीस लाख रूपए भवन निर्माण के लिए दिया गया था। जिसके बाद ज़मीन का चिन्हांकन कर भवन निर्माण होने के बाद आज भवन का लोकार्पण किया गया।

 

केबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने बैगा समाज को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश के नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति, और उनके सरंक्षण और संवर्धन के साथ-साथ समाज को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए गई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां बैगा, अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा और बिरहोर निवासरत है। इन सभी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विशेष अभिकरण का गठन किया गया है। विशेष पिछडी जनजातियों की कला-संकृति और उनके वेश-भूषा की महत्व को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे है। उन्होंने कहा कि बैगा बोली और भाषा की विशेषता और महत्व को बनाए रखने के लिए बैगानी भाषा में पाठ्यपुस्तक का प्रकाशन किया गया है। अब यहां के बच्चे अपनी भाषा में भी पुस्तक का अध्ययन कर रहे है। उन्होने कहा कि प्रदेश में निवासरसत विशेष पिछडी जनजातियों को विकास के मुख्यधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ के भूपेश सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए ठोस निर्णय भी लिए जा रहे है। आने वाले समय में यह पिछड़ी जनजातियां विकास और शिक्षा से जुड़ेगे। प्रदेश के कबीरधाम जिला पहला जिला है जहां बैगा समाज के पढे-लिखें सौकड़ों शिक्षित युवक-युवतियों को शाला संगवारी के रूप में चयन कर रोजगार से जोड़ा गया है। राज्य सरकार की नीति के परिणाम है कि आज बैगा समाज के युवक-युवतियां स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे है।

केबिनेट मंत्री अकबर ने कहा कि वनांचल और जंगलों के बीच सदियों से निवास करने वाले लोगों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। इसके अलावा उन्हे आर्थिक रूप में मजबूत और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने के लिए वनोपज सग्रहण के लिए नीतियां बनाई गई है। अब राज्य सरकार द्वारा समितियों के माध्यम से 67 प्रकार के वनोपज की खरीदी कर रही है। वनोपज, महुआ का समर्थन मूल्य 17 रूपए से बढ़ाकर 33 रूपए प्रति किलो की दर निर्धारित किया गया है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए से बढ़ाकर सीधे 4 हजार रूपए कर दिया गया है। प्रदेश भर में लघु वनोपज की खरीदी की नई व्यवस्था देने से प्रदेश के किसानों से लेकर वनो में निवारत लाखों वनवासियों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को समाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक समाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है। पूरे प्रदेश में इस योजना के तहत तेंदूपत्ता संग्राहक में लगे  संग्राहक परिवारो को समाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि संग्राहक परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारी को 4 लाख रूपए  देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के नई सरकार द्वारा लोक व जनकल्याण, किसानों, वन वासियों और प्रदेश के नागरिकों के आर्थिक उत्थान व उनके सर्वाग्रीण विकास के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। इस अवसर पर  होरी साहू, कृषि उपज मंडी अध्यक्ष  नीलकंठ साहू, उपाध्यक्ष  चोवा राम साहू,  अगमदास,  गंगोत्री योगी, बैगा समाज के प्रदेशाध्यक्ष  ईतवारी मछीया,  पुशुराम कुम्हिया, बैगा विकास अभिकरण पूर्व अध्यक्ष  लमतु बैगा,  तुलसीराम सुरखिया,  सोनालाला, समारू बैगा, गोठू बैगा, सुकलाल बैगा, धरमलाला बैगा, प्यारेलाल, दशरू सिंह सहित बैगा समाज के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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