सरकार के योजनाओं की धज्जियां उड़ा रहे है कृषि व राजस्व केअधिकारी कर्मचारी
चना, गेहूँ, धान, बीमा राशि दिलाने पटवारी ग्रामसेवक फर्जी रिपोर्ट के नाम किसानों से कर रहे लाखों कीअवैध उगाही
छुरिया से अकील मेमन की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ सरकार क़ो किसान हितैषी कहा जाता है। यकीनन आम लोगों के लिए बेहतर कार्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कर रहे है हर वक्त किसानों के भलाई के लिएअनेक योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुचा रहे है।मगर जमीनी हकीकत कुछ और है।सरकार जिन किसानों का सरकार भला कर रही है ।वहीं कृषि व राजस्व विभाग का अमला किसानों का शोषण कर उन्हें धान, गेहूं, चना, बीमा राशि दिलाने शासन को फर्जी रिपोर्ट देने के एवज मे किसानों से लाखों रुपय अवैध उगाही का खेल कर रहे है। जिसे उच्च अधिकारी जान कर भी अंजान बने हुए है।सरकार के पास एक राजस्व विभाग ऐसा विभाग है। जो सरकार का भविष्य तैय करता इनके अच्छे कार्य से जहाँ सरकार को जीवन दान मिलता है। वहीं इनके मनमानी से सरकार का नीव हिल जाता है।मगर क्या सरकार के आलाधिकारी या
विभागीय मंत्री विधायकों जिनके पास मिडिया के अलावा सरकारी खुफिया तत्र भी जिनके माध्यम से प्रदेश व क्षेत्र मे क्या कारनामे हो रहे उसकी जानकारी उन्हें मिल ही जाता है। ताज्जुब होता है उसके बाद भी जानकर बेखबर होना जनता व सरकार के सेहत के लिए ठीक नहीं है।
*➡️ चना गेहूं फसल बीमा मे फर्जीवाड़ा कर राशि लेने मे सफेदपोश नेता भी शामिल ???*
प्रदेश सरकार द्वारा राजस्व विभागीय के रिपोर्ट के अनुसार धान, गेहूँ ,चना , इन फसलों का अनावरी रिपोर्ट राजस्व व कृषि विभाग के पटवारी ग्राम सेवक से मगाकर
प्रति एकड़ मुआवजा राशि तय होता है। बताया जाता है कि छुरिया तहसील केअन्दर ग्राम पंचायत शिकारी महाका, जरहामहाका, किरगाहाटोला, पुर्रामटोला, भोलापुर, बखरुटोला, बोईरडीह, पाडेटोला, बागद्वार, हैदलकोड़ो, जैसे अनेक गाँव जहां धान का पूर्व मे व चना गेहूँ का मुआवजा राशि दिलवाया जा चूका है।
सूत्रों से खबर है ।छुरिया राजस्व व कृषि विभाग के ग्रामसेवक व पटवारी के बारे मे खबर है ।जब भी क्षेत्र के गाँवो मे चाहे धान का हो या रवि फसल चना गेहूं का शासन जब अनवरी रिपोर्ट मगाते है। बताते तब इस रिपोर्ट बनाने के आड़ मे अंचल के किसानों को जीस गाँव मे धान का धान ,चना, गेहू के फसल का क्षेत्र के किसानों से मोटी रकम लेकर फसल कम होने का रिपोर्ट बीमा कंपनी व शासन को रिपोर्ट भेजा जाता है।
आम चर्चा है बकायदा प्रत्येक गाँव मे ग्राम सेवक व पटवारी के दलालो द्वारा हर गांव मे किसानों से एक साथ राशि कलेक्शन कर ग्राम सेवक व पटवारियों को प्रति गाँव 1 – 2 लाख रुपये अवैध उगाही कर दिया जाता है। और अगर जीस गाव से इनका डिमांड पूरा नहीं हुआ वहां रिपोर्ट धान का कम व रवि फसल चना गेहूं का पैदावारी ज्यादा बताया जाता है।
वर्तमान मे चना व गेहूं का इस क्षेत्र मे किसानों को फसल छति पूर्ति राशि बीमा कंपनी द्वारा राशि वितरण किया जा रहा है। जानकरा के मुताबिक इस षड़यत्र मे सत्ता दल के नेता जो किसान भी है। इस फर्जीवाड़ा के खेल मे शामिल है । बीमा कापंनी से बड़े पैमाने मे राशि ले रहे है। इनके कारनामों के वजह से क्षेत्र मे सरकार का छवि खराब हो रहा है।और राजस्व विभाग के पटवारी कृषि विभाग के ग्राम सेवक अधिकारी कर्मचारी चादी काट रहे है।ये काले कमई से इतने प्रभावशाली हो गए है की वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए है। उन्हें सत्ता दल के नेताओं का सरक्षण प्राप्त होता है ।तभी तो बेखौफ होकर पास के ग्राम पंचायत घुपसाल मे सत्ता दल के एक नेता के नाम से सात एकड़ जमीन मे चना बुआई हुआ था उक्त नेता व उनके परिवार के सदस्यों के नाम सैकड़ों एकड़ जमीन पर फर्जी चना बुआई का रिपोर्ट दिया गया था जिसका बीमा कंमपनी को जानकारी मिलने पर प्रकरण को निरस्त करने का खबर है ।खबर है ।उक्त नेता पूर्व फर्जी रिपोर्ट अनुसार सबसे अधिक धान बोनस
प्राप्त करने का सम्मान प्रदेश के मुखिया के हाथो लिया जबकि उक्त नेता द्वारा राजगमी की जमीन जो उन्होंने लीज ले रखा पूरे जमीन पर खेती किए ही नहीं अगर इनके द्वारा शासन को झूठी जानकारी देकर लाभ लिया गया सभी प्रकरणों का जाँच कराया जाए तो बड़े फर्जी वाड़ा का खुलासा हो सकता है। स्थानीय कृषि विभाग के ग्राम सेवक व कृषि विभाग के आर ई ओ के हौसले इनते बुलंद है। की ग्राम घुपसाल मे सरकारी अधिकारी स्वयं किसानों के नाम फर्जी बीमा प्रकरण बनाकर स्वमं लाखो रूपये का अवैध कमाई करने का मामला सामने आया है।बताते है ये लोग ऐसे ही फर्जी वाड़ा कर करोड़ों केअवैध कमई कर बड़े आदमी बने बैठे हुए है। शासन प्रसासन के आला अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है।
तहसीलदार अनुरीमा टोप्पो छुरिया
ऐसी जानकारी मेरे सज्ञान मे नहीं है ।अगर शिकायत प्राप्त हुआ तो इसकी जाँच कराकर दोषी कर्मचारी के उपर ठोष कार्यवाही की जाएगी
जिला भाजपा महामंत्री मण्डल अध्यक्ष रवीद्र वैष्णव छुरिया
छत्तीसगढ़ सरकार की योजना लाभ किसानों को नहीं मिल रहा जमीनी हकीकत कुछ और है ।सरकारी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार मे लिप्त है सत्तादल के नेता साठगांठ कर स्वंम लाभ लेने मे लगे हुए है।
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा