हिरण की मौत आखिर जिम्मेदार कौन ,किसकी लापरवाही से हुआ क्या वन विभाग है लापरवाह

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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा, जिले में वन एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु सरकार हर साल कैम्पा व रेगुलर मद से करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर रही है। इसके बावजूद वन मंत्री के गृह जिले में वन विभाग ना तो? वनों की सुरक्षा कर पा रही और ना ही वन्य प्राणियों का जीवन बचा पा रही है। यही वजह है कि जहां एक ओर पेड़ों की अवैध कटाई से जिले का जंगल साफ हो रहा है तो वहीं विभाग की लापरवाही से वन्य प्राणियों की जान जा रही है। पिछले दो दिनों में ही जिले के अलग अलग परिक्षेत्रों में हिरण की मौत का मामला सामने आया। इधर हिरण की मौत के मामले में सियासत शुरू हो गई। भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर ने वन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही और जानकारी छुपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि जिले के भोरमदेव अभ्यारण्य समेत रेंगाखार के जंगलों में अवैध कटाई और तस्करी हो रही है। जिसके चलते जंगल के अंदर मैदान तैयार हो रहे यही वजह है कि जानवर जंगल से बाहर निकलकर मैदानी क्षेत्रों में आ रहे हैं। जिससे उनकी जान पर खतरा उत्पन्न हो गया है।
दरअसल पिछले दो-तीन दिनों में जिले के जंगलों से वन्य प्राणी मैदानी क्षेत्रों में आ रहे हैं। जिसमें दो हिरण की मौत हो गई है। वहीं भोरमदेव के पास के गांव में भालू को भी बस्ती से खदेड़ा गया। तापमान बढ़ने से गर्मी बढ़ी है और कहा जा रहा है कि पानी की तलाश में जानवर मैदानी क्षेत्रों में आते हैं इससे न? केवल वन्य प्राणियों की जान का खतरा बना है बल्कि लोगों की जान को भी खतरा है। इतना होने के बाद भी विभाग द्वारा मीडिया को स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। हिरण की मौत का कारण बता पाने में वन ? विभाग असमर्थ मालूम पड़ रहा है। इससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर वन्य प्राणियों की मौत का जिम्मेदार कौन है।