कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

प्रशासन की सर्तकताः अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन की पैनी नजर ,बाल विवाह रोकने के लिए ग्राम, जनपद और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग टीम गठित बनी

कलेक्टर ने बाल संरक्षण समितियों तथा बाल विकास सेवा परियोजना एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को अलर्ट रहकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही के लिए निर्देश दिए

Editor In Chief

डॉ मिर्जा कवर्धा 

कवर्धा, 15 अप्रैल 2023। जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे ने अक्षय तृतीया के अवसर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजनों को देखते हुए जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय बाल विवाह रोकथाम दल व बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। उन्होने पुलिस विभाग अनुविभीय अधिकारी (रा.) तहसीलदार महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई मुख्य कार्यपालन अधिकारी पंचायत विभाग शिक्षा विभाग समाज कल्याण विभाग चाईल्ड लाईन जिला विकासखण्ड एवं पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों तथा बाल विकास सेवा परियोजना एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को अलर्ट रहकर बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्यवाही के लिए निर्देश दिए है। उन्होने कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को भी अलर्ट करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने जिले के जन प्रतिनिधियों स्वयं-सेवी संगठनों और आम लोगों से बाल विवाह पूर्णतः रोकने की अपील एवं आग्रह किया है। बाल विवाह के रोकथाम के लिए ग्राम स्तर, जनपद स्तर और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग टीम का गठन भी किया गया है।

21 साल से कम उम्र के लड़के या 18 साल से कम उम्र की लड़की से विवाह करना या कराना अपराध

2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख तक हो सकता है अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान

बाल विवाह प्रतिषेध कानून के तहत 21 साल से कम उम्र के लड़के या 18 साल से कम उम्र की लड़की से विवाह करना या कराना अपराध है। वर या वधु तय आयु से कम होने पर माता-पिता,सगे-संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कार्यवाही हो सकती है बाल विवाह प्रतिषेध कानून के तहत बाल विवाह बच्चों के अधिकारों का निर्मम उल्लंघन है। कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है करता है अथवा उसमें सहायता करता है उसे 2 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख तक हो सकता है अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

बाल विवाह रोकने गांव से लेकर जिला स्तर पर मॉनिटरिंग टीम गठित

कबीरधाम जिले में बाल संरक्षण तंत्र को मजबूत बनाने जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिला बाल संरक्षण इकाई महिला बाल विकास विभाग के नेतृत्व में सभी ग्राम पंचायतों में बाल संरक्षण समितियों का गठन किया हैं। जिन्हें बाल अधिकार संरक्षण विषय पर प्रशिक्षित किया गया है। ग्राम पंचायत सरपंच की अध्यक्षता में गठित पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति में पंचायत सचिव सचिव तथा पंच शिक्षक कोटवार आंगन बाड़ी कार्यकर्ता मितानिन स्व सहायता समूह की महिलाएं गांव के एक किशोर बालक व एक किशोरी बालिका और गणमान्य नागरिक समिति के सदस्य है जो अपने क्षेत्रों में बाल अधिकार संरक्षण के मुद्दों पर सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। जिसके फलस्वरूप जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस वर्ष कुल 04 बाल विवाह रोकने मे सफलता प्राप्त किया है।

बाल विवाह की सूचना के लिए हेल्प लाईन 1098 यो टोल फ्री नम्बर पर काल कर सकते है

बाल विवाह रोकने में सूचना की विशेष भूमिका होती है। जिसके लिये पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन, स्वसहायता समूह और आमजन आगे आकर सूचना तंत्र को प्रभावी बना सकते हैं। इसके अलावा बाल विवाह की रोकथाम के लिए किशोरी बालिकाएं एवं किशोरी बालिका समूहों का भी सहयोग लिया जा सकता है। बाल विवाह होने की जानकारी होने पर इसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति, अनुविभागीय दंण्डाधिकारी, तहसीलदार पुलिस थाने, सरपंच, पंच, पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटवार या महिला एवं बाल विकास विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी कर्मचारियों को दें। इसके अलावा चाइल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 या बाल संरक्षण आयोग के टोल फ्री 1800-233-0055 नंबर पर भी सूचना दी जा सकती है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्यानंद राठौर ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार बाल विवाह की जानकारी मिलते ही तत्काल जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई और अन्य शासकीय विभागों के समन्वय से बाल विवाह रोकने टीम तैयार की गई है जो इस तरह के आयोजनों में पैनी नजर बनाए हुए है। साथ ही बाल विवाह रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों में विवाह पंजी संधारित करने और वर-वधू के वैधानिक जन्म प्रमाण पत्र से जन्मतिथि पंजी में दर्ज करने संबंधी निर्देश भी दिए गए हैं।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

संबंधित आलेख

Back to top button
error: Content is protected !!