कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

कदम कदम पर खुशी की बहार मिले सारी उम्र अपनों का प्यार मिले खिलते रहे तमन्नाए फुलों की तरह रब करे ऐसी ईद की खुशी आपको बार बार मिले  🌹ईद मुबारक🌹

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डॉ मिर्जा कवर्धा 

 

 

आज कवर्धा के ईदगाह में सभी मुसलमान भाइयों ने नमाज पढ़ एक दूसरो को गले मिल ईद की मुबारकबाद दी व ईद क्यू मनाई जाती हैं ये भी बताया।

सभी से बात कर Newsplus21 की टीम ने ईद के बारे में जानकारी ली और सभी मुसलमान भाइयों को ईद की बधाई दी।

ईद के बारे में पूछने पर बताया की ईद मुसलमान समुदाय का सबसे पवित्र धार्मिक त्योहार है। ईद से पहले 30 दिनों तक रमजान का पवित्र महीना होता है, जिसमें सभी मुस्लिम उपवास यानि रोजा रखते हैं। रमजान में जकात अदा करने की परंपरा है। जो केवल गरीबों, बेवाओं व यतीमों को दी जाती है। रमजान के इन तीस दिनों तक इफ़तार पार्टी का आयोजन भी किया जाता है, जो देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब का उदाहरण है।

ईद का जश्न

ईद का जश्न साल का वह समय होता है जब मुस्लिम समुदाय इसे अपने परिवार, दोस्तों और मोहल्ले वालों के साथ धूमधाम से मनाते हैं। लोग सुबह जल्दी उठते हैं। वे स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। महिलाएं घर पर नमाज अदा करती हैं और विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं, जबकि पुरुष नमाज अदा करने के लिए मस्जिद जाते हैं। इस दौरान ईद की नमाज अदा करने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिलकर उन्हें ईद की बधाईयां देते हैं। वे एक दूसरे से ईद मुबारक कह कर उनका अभिनंदन करते हैं और तीन बार गले मिलते हैं। फिर, लोग अभिवादन करने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाते हैं। इस दिन हर घर में मेहमानों को सेवइयां परोसी जाती है। एक और दिलचस्प हिस्सा जो युवाओं को पसंद है वह है ईदी। ईदी एक उपहार है जिसे वे धन के रूप में बड़ों से प्राप्त करते हैं। इस प्रकार, बच्चे ईदी प्राप्त करने का आनंद लेते हैं और फिर उस पैसे से अपनी पसंदीदा चीजें खरीदते हैं।

ईद का समापन

रमजान के पवित्र महीने के समापन के साथ ईद खुशियां लाता है। ईद के दिन को मुस्लिम समुदाय के लोग खूब धूमधाम से मनाते है। यह उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है जो पूरे महीने रमजान में रोजा रखते हैं।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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