कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

प.प्रदीप मिश्रा जी का बीरनमाला से स्वागत किया नपाध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने

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डॉ मिर्जा कवर्धा 

परम पूज्य पंडित प्रदीप मिश्रा जी महराज का कवर्धा नगर की पावन धरा में पधारने पर नगर पालिका अध्यक्ष श्री ऋषि कुमार शर्मा द्वारा सपरिवार महाराज जी को बिरन माला व राजकीय गमछा पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया

इन घासों से बनती है बिरन माला

सोने की नहीं वरन सोने-सी यह माला वस्तुतः घास से बनती है। यह बैगा आदिवासियों का एक प्रिय गहना है। जिसे खिरसाली नाम के पेड़ के तने और सुताखंड और मुंजा घास के रेशों से बनाया जाता है। आमतौर पर माला को गूंथने के लिए मुंजा घास का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है, क्योंकि यह बहुतायत में होती है। पहले खिरसाली के तने को छीलकर समान आकार के छल्ले बनाए जाते हैं। फिर उन्हें गूंथा जाता है फिर हल्दी के घोल में डुबा कर सुखाया जाता है। अन्य प्राकृतिक रंगों में भी इन्हें रंगा जा सकता है। ऐसी एक माला को बनाने में कम से कम तीन दिन लग जाते हैं। पूरा काम बड़े जतन से हाथ से किया जाता है। बैगा आदिवासी मानते हैं कि इसे धारण करने से आसन्न संकट भी टल जाता है। उनकी धार्मिक आस्था भी इससे जुड़ी हुई है।

News Desk

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