मेडिकल फर्जीवाड़ा के दोषी दीपक ठाकुर को निलंबित कर जाँच करने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा :- जिला अस्पताल कवर्धा में घटित बहुचर्चित मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में संचालक, सम्भगीय संयुक्त संचालक व मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर पर की गई प्रारंभिक जांच में मेडिकल बोर्ड के प्रभारी लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया गया है। संचालक स्वास्थ्य ने सीएमएचओ को पत्र लिखकर दीपक ठाकुर के खिलाफ विभागीय जांच कर कठोर कार्यवाही करने कहा है। सीएमएचओ डॉ मुखर्जी ने दीपक ठाकुर को निलंबित किये बिना ही 04 मई 2023 को डॉ सलिल मिश्रा को जाँच अधिकारी और अश्विनी शर्मा को प्रस्तुत कर्ता अधिकारी बनाकर विभागीय जांच संस्थित किया है।
दीपक ठाकुर के सीएमएचओ कार्यालय में रहते हुए जाँच की निष्पक्षता पर सवालिया निशान
सीएमएचओ कार्यालय जहां से मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले का जांच कार्यवाही संचालित हो रहा है वही दीपक सिंह ठाकुर लेखापाल जैसे महत्वपूर्ण पद के प्रभार में है। जिस कर्मचारी के खिलाफ जांच चल रहा हो उसीके सामने होने वाली जाँच कार्यवाहियों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। ऐसे में ये कयाश लगाए जा रहे है कि डॉ मुखर्जी जून में अपने सेवानिवृत्त होने के पहले ही, दीपक ठाकुर को बर्खास्त जैसी कठोर कार्यवाही से बचाने के लिए गुपचुप तरीके से जाँच जाँच खेलकर छोटी मोटी सजा देकर मामले को रफा दफा करने की जुगत में है।
डॉ मुखर्जी पर कार्यवाहियों में,भेदभाव का आरोप
दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके मुख्यालय बदले बिना ही विभागीय जांच करवाने से सीएमएचओ डॉ मुखर्जी के ऊपर कार्यवाहियों में जातिगत भेदभाव करने का आरोप लगाया जा रहा है। बता दे कि पूर्व में डॉ मुखर्जी ने अनुसूचित जाति वर्ग के गणेश राम जांगड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ता विकास खण्ड पंडरिया को प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद निलंबित कर विकास खण्ड स लोहारा में मुख्यालय देकर विभागीय जांच कराया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के ओमकार सिन्द्राम दन्त सहायक (सविदा) जिला अस्पताल कवर्धा को जाँच तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुकदूर में मुख्यालय दिया गया है। यह भी आरोप है कि डॉ मुखर्जी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों की कहि से कोई भी शिकायत करें सत्यता जाने बिना ही तत्काल कार्यवाही कर देते है। मामूली अपुष्ट शिकायत होने पर अनुसूचित जाति के बी डी गहरवाल नेत्र सहायक स लोहारा से पिपरिया व अनुसूचित जनजाति के महिला पर्यवेक्षक गीता मेरावी को सेक्टर खैरबना कला विकास खण्ड बोड़ला से विकास खण्ड पंडरिया के सेक्टर पांडातराई अटैच किया गया है। शासन द्वारा अटैचमेंट समाप्त कर दिए जाने के बाद भी उक्त कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थापना वापस नहीं किया गया है।
पूरे मामले को लेकर कामू बैगा ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर दीपक सिंह ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के बाद निष्पक्ष विभागीय जांच करने की मांग किया है।