कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रहा परियोजना अधिकारी नहीं खुलता खरहट्टा के आंगनबाड़ी

सारी योजनाएं कागजों में संचालित

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

स्वदेश कवर्धा पंडरिया एकीकृत बाल विकास परियोजना पंडरिया के अंतर्गत ग्राम खरहट्टा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं के बराबर हो रहा है आगनबाड़ी कार्यकर्ता चमेली बाई कोशरिया छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के सदस्य दिनेश कोशरीया के पत्नी है। चमेली बाई पंडरिया में अपने सदस्य पत्ति के साथ रहती है और रेडी टू ईट वितरण के दिन आगनवाड़ी सहायिका केंद्र खोलकर वितरण करती है बाकी दिन केंद्र बंद रहता है जिसका जानकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेंद्र गेंदले और अन्य जिम्मेदार लोगों को भी है लेकिन सभी जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि सत्ता पक्ष के छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के सदस्य दिनेश कोशारिया का डर है।

सारी योजनाएं केवल कागजों में

आंगनबाड़ी केंद्र में बच्ची, महिलाएं और किशोरी बालिकाओं के लिए तरह तरह की योजनाएं संचालित है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए अनेक प्रकार की मीनू बनाकर भोजन दिया जाने का योजनाएं बनाई गई हैं। जब आंगनबाड़ी केंद्र ही नही खुलता तो हितग्राहियों को उसका लाभ कैसे मिलेगा लेकिन आनलाइन सुविधाएं होने के कारण सभी जानकारी केवल कागजों में संचालित किया जाता हैं ऐसा बोलना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।

जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं

आगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए अलग अलग अधिकारी कर्मचारियों की अलग अलग जिम्मेदारी तय किया गया है। सेक्टर सुपरवाइजर के द्वारा प्रति

माह कम से कम 15 आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करना होता है उसी तरह परियोजना अधिकारी को भी निरीक्षण करना होता है लेकिन केंद्र बंद रहने की

स्थिति में कोई निरीक्षण नहीं होता और जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।

जानकारी परियोजना अधिकारी को भी है

खरहट्टा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चमेली बाई पंडरिया में रहती है और उसके पति छत्तीसगढ़ सरकार में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के सदस्य है। और पावरफुल व्यक्ति है। चमेली बाई के आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण करना मतलब साप के बिल में हाथ डालना से कम नहीं है। जिसके चलते एकीकृत

बाल विकास परियोजना अधिकारी राजेंद्र गेंदले कभी उस आगनबाड़ी के निरीक्षण के बारे में सोचना भी उचित नहीं समझते।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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