ग्राम बापूटोला मे 54 सदस्यों का कलीराम गड़रिया परिवार एक साथ है खुशहाल

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डॉ मिर्जा कवर्धा
छुरिया ;-, किसी शहर या कस्बा मे कोई बड़ा परिवार रहता है जब उनके बच्चे बड़े हो जाते है तब उनका शादी ब्याह कर दिया जाता है उसके बाद अक्सर देखा गया बहोत से घरों मे परिवार टूटने का दौर चालू हो जाता है बहू बच्चे बटवारा वअलग खाने व रहने के विवाद चालू हो जाता है ऐसे दौर मे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला के छुरिया ब्लाक के अंतर्गत एक छोटा सा गाँव है ग्राम बापूटोला जहाँ इस परम्परा को गलत साबित करने वाला एक बड़ा किसान गड़रिया परिवार है जो लम्बे अर्से से एक साथ एक रहते है, उक्त परिवार का मुखिया कलीराम गड़रिया है उनके तीन छोटे भाई है जिनका परिवार व बच्चे कुल सख्या 54 है जो एक छत के निचे बड़े खुशहाल तरीके से बैगर किसी विवाद के एक साथ रहते है ये जानकर हैरानी होगी सैकड़ों एकड़ जमीन के मालिक कलीराम के घर मे एक भी नौकर नहीं है कलीराम जो अपने घर मे बड़े होने का फर्ज अदा करते हुए निवास के मुख्य द्वार पर अपना बैठक बनाया हुआ है वहीं बैठकर परिवार के अन्य सदस्यों से खेती व घर के कार्यों का संचालन करते है वे परिवार के सभी सदस्यों के दुखदर्द का पूरा ख्याल रखते है
*पक्के मकान व आधुनिक सुविधाओं से दूर विशाल कच्चे मकान मे खुशहाल*
आर्थिक रूप से सक्षम होने के
बाद भी ये जानकर तज्जुब होगा आज के दौर मे उनका परिवार गाँव मे एक विशाल कच्चे खपरे वाले मकान मे ही रहते है अमुमन देखा जाता जब कोई सक्षम परिवार होता है उनके यहाँ एसी ,वाशिग मशीन, हर कमरे मे टी वी सभी बच्चों के हाथो मे मोबाईल जैसे सुविधाएं आम बात है पर कलीराम इन सब महगी सुविधाओं से दूर मूलरूप से कुदरती हवाए पुराने जमाने के सुविधाओं के भरोसे अपने घर मे खुशहाल परिवार के सदस्यों को ऐसे महगी व आधुनिक सुविधाओं का आवश्यकता नहीं है वे कभी अपने परिवार के मुखिया के पास ऐसे ऐसो आराम का माँग भी नहीं रखा बहरहाल आज के युग मे बापूटोला को कलीराम गड़रिया परिवार एक मिशाल है इस देख कर हमें मिलजुलकर साथ रहने का एक अच्छा अनुभव मिलता है।
छुरिया से अकील मेमन की रिपोर्ट..