इमाम हुसैन की याद में मनाया मुस्लिम समाज ने मोहर्रम ,लंगर और शरबत पिलाने का चलता रहा कार्यक्रम ,देर रात्रि ताजिया भी देखने पहुंचे लोग
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डॉ मिर्जा कवर्धा
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कवर्धा माहे मोहर्रम इस्लामिक साल का पहला महीना है। इस महीने को हम इमाम हुसैन की याद मे इस तरह मनाते हैं के महफिले मिलाद ए पाक, कुरान ख्वानी, दुरुद ख्वानी करके उनके रूह को इसाले सवाब करते हैं और उनसे रूहानी फैज हासिल करते है। इमाम हुसैन ने हमको यह सबक दिया की नमाज कायम करना और सब्र करना, हौसला व हिम्मत रखना, जुर्म के खिलाफ खड़े रहना और हक का साथ देना। मुस्तफा की शरीयत पर अमल करना और हम सब उनके मानने वाले इन सारी बताई हुई बातों पर अमल करने की कोशिश करते हैं और इमामे हुसैन ने हमको भाईचारा मोहब्बत करने का सबक दिया है हम अहले सुन्नत वल जमात इन बातों पर भी अमल करने की कोशिश करते हैं, इस्लाम अमन और मोहब्बत का पैगाम देता है। – मुफ्ती माअरूफ रज़ा मंजरी
मोहर्रम के मौके पर एकता चौक में सुबह से इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम समाज के लोग द्वारा शरबत पिलाया जा रहा था और शाम के बाद से ही लंगर का भी आयोजन किया गया था साथ ही जामा मस्जिद के पास भी शाम के वक्त सरबत पिलाया जा रहा था वही रात्रि 8:00 बजे के करीब ताजिया तकिया पारा मस्जिद के पास से यूनियन चौक से होते हुए राजमहल पहुंचा जहां राजा साहब द्वारा ताजिया की पूजा व बाकी रस्में की गई इसके पश्चात राजमहल से निकलकर अंबेडकर चौक गायत्री मंदिर चौक होते हुए ताजिया एकता चौक पहुंचा और लोगों के दर्शन के लिए यहां रखा गया। इस बीच लोगों की भीड़ भी दिखी जो ताजिया का दर्शन करने एकता चौक में मौजूद थे कुछ समय बाद ताजिया को उठाकर विसर्जन करने हेतु ऋषभ देव चौक से होते हुए करपात्री पार्क से कबीर पारा होते हुए नदी पहुंच कर विसर्जन/ ठंडा किया गया।