सेक्टर महली के स्वास्थ्य कर्मी अधिकारी के संरक्षण से नहीं रहते निर्धारित मुख्यालय में ,पंडरिया बीएमओ स्वास्थ्य विभाग के मॉनिटरिंग पर उठ रहा है सवाल
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डॉ मिर्जा कवर्धा
पंडरिया -: समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पंडरिया अपने विभिन्न कारनामो से सुर्खियों में रहती हैं ,कभी काम के लापरवाही तो कभी कर्मचारियों की दमनकारी नीतियों से पंडरिया स्वास्थ्य विभाग बिमारू रहता ही है! तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुजाय मुखर्जी के दबंग और दमनकारी नीति से पुरा स्वास्थ्य विभाग परेशान रहे सरकार को स्वस्थ्य कर्मचारी लगातार अवगत भी कराये पर सुजाय मुखर्जी को कोई फर्क नही पड़ता था ओ उसी अंदाज में अपने दमनकारी नीति में मस्त होकर चलते रहा और विशेषकर अनुसूचित जाति जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारियों पर अपना दमनकारी कार्य का डंडा लगातार चलाया इससे सैकड़ों इस वर्ग के कर्मचारी पिडित रहे पर इन वर्गों के हितैषी बने सरकार मुकदर्शक बनी रही क्षेत्र के पिडित कर्मचारी दर बदर भटकते रहे अंत में सुजाय मुखर्जी के दमन निती को स्वीकार करना मजबुर होकर रह गया पर जो कर्मचारी उनके चाटूकारी किये वह सभी अच्छे जगह और अच्छी पद पर विराजमान रहे विभाग और सरकार का नियम को ताक पर रख कर मनचाहा स्थान में पदस्थ किया गया और मनचाहा पदों पर अयोग्य को पदस्थ किया गया योग्यता इतनी रही मात्र चाटूकारीता ! राज्य सरकार ने सल्ग्नीकरण पुरी तरह से बंद कर दिया है पर तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुजाय मुखर्जी लगभग 80 कर्मचारी को अटैच कर मन चाहा जगह पोष्टींग किया और जो उनके गुडविल में रहें ओ अपने निर्धारित कर्तव्यों को भी सिर्फ कागजों में निभाते रहे हैं और उन्हें पुरी तरह से विभाग प्रमुख संरक्षण करते रहे हैं ! इसी श्रेणी में सेक्टर महली के सभी उपस्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर्मचारी में से कुछ अएसे चाटुकार कर्मचारी हैं जो अपने निर्धारित मुख्यालय में पदस्थ हैं तब से लेकर आज तक नहीं रहते हैं संबंध या लेनदेन कर सरपंचों से प्रमाण पत्र जारी करा लेते हैं पर मुख्यालय में कभी नहीं रहे हैं अधिकारी दौरा में जाता है तो अपने करीबीयों के किसी कमरे में झुटमुठ का निवास बता दिया जाता है इसकी जानकारी सेकटर सुपरवाइजर एवं खंड चिकित्सा अधिकारी को बकायदा रहती है ! पर पुरी तरह संरक्षण रहने के कारण अनजान बने रहते हैं महली सेक्टर के कुछ स्वास्थ्य कर्मचारी तो अपने निर्धारित कार्य को भी सिर्फ कागज में निभा रहे हैं भौतिक स्तर में जांच की जाये तो सब सच्चाई सामने आ जायेगा ! ना मलेरिया टेस्ट ना कापर टी और ना सी सी यूजर्स यहा तक टीकाकरण अभियान में भी फर्जी दस्तावेज दिखा कर दवाई फेक दी जाती है ! बारिकी से जांच की जाये तो सब सच सामने आ जायेगा और सुत्र बताते हैं इसके मुल कारण महली सेक्टर के पदस्थ सुपरवाइजर लम्बे समय से पदस्थ हैं इसलिए पुरा आजादी क्षेत्र के कर्मचारी हो गये है सुत्र यह भी बताते हैं सेक्टर के सुपरवाइजर जातपात के कर्मचारी को विशेष छुट देते हैं लिहाजा क्षेत्र में सिर्फ मंगलवार और शुक्रवार को दिखाई दें देते हैं बाकी दिन कौन क्या कर रहा है इनके डेली वर्क के हिसाब से भौतिक जांच की जायेगी तो सभी सच सामने आ जायेगा पर अधिकारियों का संरक्षण से यह कहा जा सकता है कागजों में चल रही है महली सेक्टर स्वास्थ्य विभाग बहरहाल देखना है अधिकारी कितना सुधार करते हैं!