कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के पहल और प्रयासों से कबीरधाम जिले के दो श्रमिक कर्नाटक से सकुशल घर लौटे, श्रमिको के परिजनों ने सकुशल वापसी के लिए उपमुख्यमंत्री शर्मा से मदद मांगी थी

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डॉ मिर्जा कवर्धा

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों और उनके सार्थक पहल से छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले दो ग्रामीण श्रमिक युवक शशिकांत यादव और गंगाप्रसाद परस्ते को जिला प्रशासन की टीम ने कर्नाटक के धारवाड़ से सुरक्षित और सहकुशल वापस ला लिया है। इन दोनों ग्रामीण युवक के माता-पिता तथा उनके परिजनों ने अपने बेटे की गांव वापसी के लिए उप मुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक श्री शर्मा से मदद मांगी थी। उपमुख्यमंत्री ने पूरी संवेदनशीलता से पूरे मामले को संज्ञान में लिया था और कबीरधाम जिले के इन दिनों श्रमिको की सकुशल वापसी के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे से चर्चा कर कर्नाटक टीम भेजने के निर्देश दिए। 

कलेक्टर के निर्देश पर इन दोनों श्रमिको के लोकेशन की जानकारी लेने के लिए जिला साइबर सेल की मदद ली। श्रमिको की ठहरने की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा प्रशासनिक, श्रम विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बना कर कर्नाटक के लिए रवाना हुए। 

कलेक्टर महोबे ने बताया कि कबीरधाम जिले के  शशिकांत यादव पिता  महापति यादव और गंगाप्रसाद परस्ते पिता मातवर परस्ते निवासी ग्राम बांकी ग्राम पंचायत केसमर्दा थाना तरेगांव विकासखण्ड बोड़ला के रहने वाले है। ये दोनों श्रमिक माता-पिता और उनके अभिभावकों ने बताया था कि ये दोनों कर्नाटक कमाने खाने गए थे वहां पर वे किसी कम्पनी में गन्ना कटाई का काम करते थे। उनको वहां से कहीं भी आने -जाने नहीं दिया जा रहा था। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री के निर्देश पर त्वरित निर्णय लेते हुए श्रम पदाधिकारी कवर्धा एवं धारवाड़ कर्नाटक राज्य के प्रशासन एवं श्रम विभाग के साथ सामंजस्य स्थापित कर तत्काल उक्त दोनों श्रमिकों को मुक्त करवाने के लिए टीम गठित की गई। 

कबीरधाम जिले से गठित टीम 8 जनवरी को कवर्धा से कर्नाटक के लिए रवाना किया गया था। दोनों श्रमिकों को 12 जनवरी को देर शाम कवर्धा लाया गया। कबीरधाम लौटने पर श्रमिको ने बताया कि गांव के एक युवक ने इन दोनों युवक को अच्छा काम दिलाने का ख्वाब देकर नागपुर के गए और वहां से धोखे से कर्नाटक ले गए, कर्नाटक के धारवाड़ में गन्ना कटाई का काम कराते थे। खेतों में बने झोपड़ी में ठहराए, मजदूरी भी कम मिलती थी।

कलेक्टर महोबे ने ग्रामीण युवकों को अच्छे काम दिलाने के बहाने, बहला-फुसलाकर बाहर ले जाने वाले एजेंटों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

जिला श्रम पदाधिकारी आरके प्रधान ने बताया कि दोनों श्रमिको की सकुशल वापसी के साथ ही 

श्रमिक को उनकी पारिश्रमिक 32 हजार रुपए नगद भुगतान भी कराया गया। दोनों श्रमिकों को उनके अभिभावक को सौंप दिया गया। श्रमिक एवं उनके अभिभावकों द्वारा छत्तीसगढ़ शासन और कलेक्टर का आभार व्यक्त किया गया। उक्त टीम में  गौरव महोबिया, श्रम निरीक्षक एवं  सुनील सायतोडें, श्रम कल्याण निरीक्षक, एवं  रविन्द्र नेताम, आरक्षक थे।

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