कबीरधाम (कवर्धा)छत्तीसगढ़

सरकारी योजनाए सिर्फ गरीबों के नाम अफसरशाही बेलगाम ?

Editor In Chief

डॉ मिर्जा कवर्धा 

छुरिया ;- आज शासन प्रसासन मे जो चल रहा उन हालातो पर एक नजर देखने से लगता है हमारे प्रदेश मे मुख्यमंत्री व पंचायत व गृह मंत्री के कार्य करने के तरीकों से प्रदेश मेआम गरीब किसान मजदूरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का उनका मंशा नजरआ रहा है प्रदेश सरकार द्वाराअनेक महत्वपूर्ण योजनाओं ग्रामीणो को लाभ व उनका जीवन स्तर सुधरे ऐसा प्रयास किया जा रहा है वहीं नई सरकार मे भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का प्रयास तो हो रहा है मगरअफसरशाही साथ देते दिखाई नहीं दे रहा है ,चंद नेता सत्ता सरकार का गलत फायदा उठाने मे आमादा हैअधिकारी कर्मचारी ऐसे नेताओं के आगे बेबस नजर आ रहे है जिला स्तर के अधिकारी सिर्फ जिनके टेबल पर बाबू फाईले जो फाईले सामने लाकर रख देते है सही उसका सही तरीके से अध्ययन किए बैगर सब कुछ सही मान कर उन साईन कर दिया जा रहा है अफसरों द्वारा उन कार्य का भौतिक सत्यापन मौके पर जाकर कभी जमिनी हकीकत झाकने का उन्हें फुर्सत नहीं है सरकारी अमला बिगड़े व्यवस्था को ठीक करने चाह ले तो ठीक हो सकता है मगर उन्हें तो बाबूओ के भरोसे एसी आफीसो मे बैठकर कार्य करना है वर्तमान मे सरकारी विभाग जैसेआबकारी ,खनिज , खाद , स्वास्थ, खासकर राजस्व विभाग, और ऐसे कई महत्वपूर्ण विभाग है जहाँ आला अधिकारीआफीसो मे बैठकर शासन के योजनाओं को जनता तक पहुचाना चाहते है जो संभव नही है जबकि सच्चाई है जिला कार्यालय के विभिन्न विभाग मे आफीसो मे वर्षों से जमे अधिकारी कर्मचारी बाबू एकाउंटेंट जिनके इसारो पर सरकारी फाईले चलती है अफसर तो फाईलों मे बेधड़क साईन करते चले जाते है उन्हें क्या मालूम ऐसे बाबूओ के कारनामों के चलते आम गरीबों को शाशन के योजनाओं का लाभ नहीं मिल मिल रहा है जो व्यवस्था को बिगाड़ रहे है ऐसे बिचौलियों पर कोई लगाम कसना नहीं चाहता है वर्तमान मे प्रदेश के छोटे बड़े शहरो नगर व ग्रामीण क्षेत्रो के हर मोहल्लो मे बेखौफ तरीक़े से अवैध शराब ,का कारोबार चल रहा है वहीं नदी नालो से दीन दहाड़े रेत माफिया द्वारा बड़े पैमाने मे रेत चोरी कर महगे दामों मे सरकारी व निजी कार्यों के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्र मे बेच रहे है सरकार का करोड़ो का राजस्व का नूकसान हो रहा है सरकारीअमला बेखबर है ।

निजी व सरकारी अस्पताल बेहाल अधिकारी जनप्रतिनिधियों को झाकने का फुर्सत नहीं

प्रदेश मे सरकारी व निजी अस्पतालों मे गरीब मरीजों को ईलाज के आड़ मे लूटा जा रहा है इनके मनमानी को रोकने नेता व अफसरों द्वारा अबतक कोई बेहतर पहल नहीं हो रहा है प्रदेश मे राजस्व विभाग का हाल किसी से छिपा नहीं है आम जनता सत्ता सरकार कितना बार बदल लेअगर शासन प्रसासन के लोग मे व्यवस्था ठीक करने की चाहत नही होगा तो दुनिया का कोई भी ताकत भ्रष्टाचार पर समाप्त करने मे सफल नहीं हो सकता नेता व अफसर अपना फायदा नूकसान न देखे तो बिगड़े व्यवस्था व भ्रष्टाचार को एक हद तक ठीक किया जा सकता है, वर्तमान मे प्रदेश मे आम चर्चा है आला नेता बड़े अधिकारी सरकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिले इसके लिए गभ्भीर नही है वहीं कुछ अधिकारी जो सही कार्य किया है उसे शाबासी देने के बजाए बतौर ईनाम उनका तबादला कर दिया जाता है । प्रदेश मे देखने को मिल रहा है अनेक आई एस आईपीएस अफसर भ्रष्टाचार के मामले पर सलाखों के पीछे है जो दूरर्भाग्य जनक विषय है उन्हें सरकार द्वारा लाखो रूपये वेतन और अनेक सरकारी सुविधाएं देती है उसके बाद भी गड़बड़ी करने से बाज नहीं आते है कर्मचारी जिनका काम है वे जनता के सेवा करे मगर वे उनका भला करने के बजाए स्वंम का भला करने मे लगे हुए है ऐसे लोग बहोत सारा धन इकट्ठा कर नेता या उद्योग पति बनने का सपना सजाए हुए है अतिमहत्वाकांक्षी सरकारी नुमाइंदे को सत्ता मे बैठे नेताओ को चाहिए उन्हें चिन्हित कर उन पर कड़ाई करने के बजाए नेता उन्हेंअपने पार्टियों मे सामिल कर बड़े पदो पर बिठाने का कायावाद चल रहा है जो नेताओं का भविष्य के लिए संकट पैदा करने वाला कदम है।राजनीति मे यही हाल रहा तो आने वाले समय दूर नही है जब ऐसे चंद अधिकारी मंत्री मुख्यमंत्री होगे तब भविष्य मे नेताओ के बच्चो को इनके दफ्तरों के बाहर लाईन मे खड़े होना पड़ेगा ।

नेता कार्यकर्ता के घेरे मे ईमानदार अफसरों का कद्र नहीं

आम जनता मतदाताओ को नेता अच्छा है शिक्षीत है याअशिक्षित इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं होता वेअपने चंद स्वार्थ के चलते सत्ता सरकार मे ऐसे लोगों को चुनकर भेज देते जो न उनका भला कर सकता ना देश का आलाअधीकारीयो मे गलत लोगों के उपर सक्त फैसले लेने का साहस नहीं प्रदेश मे वर्तमान मे काफीअच्छे अधिकारी कर्मचारी है पर उन्हें ईमानदारी से कार्य करने का ईनाम शाबाशी के बजाए उन्हें चंद भ्रष्ट जनप्रतिनीधीयो के प्रताडना का शिकार होना पड़ता है

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

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