जनता व अधिकारियों के बीच सीधा सवांद तब होगा विकास?
छुरिया से अकिल मेमन की रिपोर्ट..
छुरिया :- प्रदेश मे देखा गया सरकार किसी भी दल का हो उस पार्टी के नेता कार्यकर्ता मंत्रियों के आगे पिछे कुछ तो व्यक्तिगत कार्य के लिए कुछ नेता अधिकारीयो पर रौब का मकसद होता है बहोत कम नेता जनहित के मुद्दों के उद्देश्य लेकर इनके पास जाते है कुछ मंत्रियों ही ऐसे होते है जो ऐसे नेताओं से घिरने के बजाए सिधे जनता से संवाद करना पंसद करते है आम चर्चा है छत्तीसगढ़ सरकार के गृह एंव पंचायत मंत्री का अंदाज ऐसा सरल है ।
अधिकारी सीधे करेगें जनता से सवांद तब होगा जनता के समस्याओं का निदान
प्रदेश हो या जिला के उच्च अधिकारियों आफिसो का रौब देखते ही बनता है चनके कार्यालय के दरवाजे के सामने तीन चपरासी दो गनमैन फिर ऐसे हालात देख कर आम आदमी का आसानी से उनसे मिलना उन तक पहुंच कर अपने समस्याओं को सरलता से बता पाना सभव नहीं है प्रदेश मे किसी पार्टी की सरकार हो उनके मंत्री व प्रदेश के मुखिया चाहेगे विकास अधिकारियों के साथ बैठको मंच मे घोषणा कर सौ फीसदी विकास जमीन पर दिखेगा तो वे मुगालते मे रहने वाली बाते है प्रदेश मे जब तक वे अफसरों को निर्देश देगे नहीं वे वीआईपी कल्चर मे कमी लाकर सरलता से आम लोगों से पर्याप्त समय देकर उनके बातो को सुने तभी जनता को लाभ प्रदेश का विकास संभव है वर्तमान मे जो हालात सरकारी कार्यालयो मे अफसरों के आफीसो मे दिखाई दे रहा है आम लोगों से मिलने का अंदाज सरल नहीं है ग्रामीण क्षेत्र के किसान इन वीआईपी अधिकारीयो के पहुचते तो है । पर उन्हें कम समय देने के चलते वे अपने परेशानी या समस्याओं को उन्हें कैसे मिनटो मे बता पाऐगें यह बहोत बड़ा सवाल है।
सरकार कार्यालय मे टोलफ्री नं. तो है पर वह शो पीस है हमेशा बंद रखा जाता है?
सरकार जनता के सुविधा के हर सरकारी कार्यालय मे फोन का व्यवस्था रखने का निर्देश दिया है ताकि जनता उक्त नं. से संबंधित अधिकारी से फोन पर संमपर्क कर सके मगर अधिकाशं फोन नं.बंद कर दिया गया जिसका खबर लेने वाला कोई नहीं है अधिकारीयोअपना मोबाईल उठाना शान के खिलाफ समझते है अगर जनता को ग्रामीण क्षेत्र मे कोई गभ्भीर घटना या समस्या आ जाए तो फीर वह किसे काल करे य बड़ी समस्या है इस पर प्रबुद्धजन व नेता अधिकारीयो को सोचना होगा
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा