क्या मौत देने बैठा है.. पंडरिया विद्युत विभाग आज फिर से एक अप्रशिक्षित लाइनमैन बिजली के पोल के गिरने से मरते मरते बचा.. तीन अप्रशिक्षित लाइनमैन पंडरिया विभाग के EE AE और JE के लापरवाही के चलते शारीरिक रूप से हुए अपंग.. पंडरिया क्षेत्र का मामला.. एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों का करंट लगने व बिजली के खंबे से गिरने के कारण टूटा हाथ पैर करेंट के जलने से हास्पिटल मे कराया गया भर्ती
Editor In Chief
डॉ मिर्जा कवर्धा
आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते के अंदर पड़रिया बिजली विभाग के EE AE JE अधिकारियों के लापरवाही के चलते तीन प्रशिक्षित लाईनमैनों का जान जाते-जाते बचा अगर किसी का मौत होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
आपको बता दें कि 2 दिन पहले पड़रिया विद्युत विभाग के ईई कार्यालय में विभाग के कर्मचारीयो का बैठक हुआ लेकिन यह बैठक केवल एक दिखावा था पंडरिया क्षेत्र के अपने सिस्टम में हो रहे फेल और विभाग के ही कर्मचारी मरते मरते बच रहे हैं जो सोच का विषय है तो क्या यह माने किस विभाग के आला अधिकारी कहीं न कहीं जमीनी स्तर में गलती करते नजर आ रहे हैं और घटना होने पर मीडिया के किसी भी पत्रकार से बात करना नहीं चाहते एक सप्ताह के अंदर एक ही पंडरिया क्षेत्र में तीन घटनाओं का होना ऐसे में तो रायपुर राजधानी में बैठे विभाग के प्रमुख मो को सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए
बताया गया कि आज जो घटना हुआ योगेश चंद्राकर नाम के व्यक्ति का जो ग्राम किशुनगढ़ का रहने वाला है जो एक अप्रशिक्षु लाइनमैन है जिसको एक सहयोगी के साथ रामतला गांव के 33 के वी में फॉल्ट सुधारने भेज दिया गया और ऐसे प्रशिक्षित लाईनमैनों को 33 केवी में विद्युत फॉल्ट सुधारने का अधिकार भी विभाग के द्वारा नहीं दिया जा सकता तो फिर इस अप्रशिक्षु लाइनमैन को किसने 33 केवी खंबे में चढ़ाकर उसकी जान के साथ खेलना चाह जबकी इसी बैठक में किशुनगढ़ सब स्टेशन के ऑपरेटर सुरेश साहू का शिकायत हुआ था कि इनका काम करने का कार्य शैली ठीक नहीं है के बाद भी पंडरिया विभाग के ईई द्वारा कोई कार्रवाई न कर इसको इस सब स्टेशन में बतौर ऑपरेटर रखा गया और जिसके वजह से यह घटना हुआ सूत्रों से पता चला है कि सुरेश साहू कुछ मानसिक रूप से बीमार है विद्युत फॉल्ट सुधारते समय इसको यह याद भी नही रहता की लाइन बंद करना है या बाद मुझे चालू करना है यह भूल जाता है आज इसी का खामियाजा योगेश चंद्राकर को भुगतना पड़ा पहले ऑपरेटर सुरेश साहू को लाइन बंद करने कहा गया और लाइन का फाल्ट सुधारते समय अचानक से सब स्टेशन से ऑपरेटर के द्वारा लाइन चालू कर दिया गया जिसकी वजह से योगेश चंद्राकर बिजली की पोल के खंभे के तार से करंट के कारण उसके चेहरे में और छाते में करंट से जलने के कारण वह बिजली की पोल से नीचे गिर गया जिसके वजह से उसका एक हाथ फैक्चर हो गया आनन फानन में जब विभाग के अधिकारियों को पता चला तो उसको कवर्धा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है।
अब सवाल यह उठता है की रायपुर में बैठे विद्युत विभाग के प्रमुख एमडी साहब जब मंत्री जी के कहने पर आप पंडरिया के AE को सस्पेंड करते हैं तो यहां पर आपको नहीं दिख रहा है कि एक साथ तीन-तीन प्रशिक्षित लाईनमैनों की जान जाते-जाते बचा है जिसका प्रमुख आरोप पंडरिया विद्युत विभाग के EE AE JE के ऊपर जाता है तो इनको तो आपको बिना देरी किए तुरंत तीनों अधिकारी को सस्पेंड किया जाना चाहिए क्योंकि कवर्धा में बैठे हुए एक AC साहब को तो फोन उठाने का भी फुर्सत नहीं है और ना ही जिले में कहीं पर भी उनकी कोई गतिविधियां दिखाई देता है तो मामला तो इनके ऊपर भी बनता है क्या ऐसे अधिकारी जो विभाग प्रमुख रहते हुए गैर जिम्मेदाराना कार्य करते हैं तो एमडी साहब आपको भी तो संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
तीनों प्रशिक्षित लाइनमैनो का नाम..
1/ चंद्रभूषण कश्यप
2/ गणेश यादव
3/ योगेश चंद्राकर
यह तीनों प्रशिक्षित लाइनमैन है जो शारीरिक रूप से अपंग हो गए हैं और उनके साथ-साथ इनका परिवार बाल बच्चे भी अब अपने जीवन को लेकर चिंतित और मायूस हो चुके हैं कि अब हमारा भारन पोषण करेगा कौन?