राज्य के ख्यात रचनाकारों को बुलाया जाएगा, संगोष्ठी में साहित्यकारों ने विचार व्यक्त किए, कविताएं भी पढ़ीं

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डॉ मिर्जा कवर्धा
कवर्धा। वनमाली सृजन केन्द्र एवं पाठक मंच की संगोष्ठी रविवार 1 सितंबर की शाम को सर्किट हाउस के अशोक हाल में संपन्न हुई। केन्द्र के अध्यक्ष नीरज मनजीत ने बताया कि ख्यात कथाकार एवं शिक्षाविद जगन्नाथ प्रसाद चौबे वनमाली की जयंती के अवसर पर 1-2 अगस्त को भोपाल में होनेवाला वार्षिक समारोह इस वर्ष आयोजित नहीं हो पाया, क्योंकि अगस्त माह में ही मॉरीशस में विश्वरंग का आयोजन किया गया था। नरेन्द्र कुमार कुलमित्र एवं समयलाल विवेक ने 14 सितंबर को कॉलेज में हरिशंकर परसाई पर आयोजित होनेवाली संगोष्ठी की जानकारी दी। अजय चन्द्रवंशी ने सुझाव दिया कि हर दो तीन माह के अंतराल में ‘रचना भोरमदेव’ के बैनर तले प्रदेश के ख्यात रचनाकारों का रचनापाठ एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रहलाद पात्रे ने आदिवासी कला संस्कृति की रोचक जानकारी दी। कविता पाठ के सत्र में वजन राम साहू ने रंग को प्रतीक बनाकर जीवन के उतार चढ़ाव को व्यक्त किया। सात्विक श्रीवास्तव ने बस यात्रा के चित्रण के जरिए जिंदगी के संघर्ष पर कविता पढ़ी। सोमप्रकाश वर्मा, अश्विनी कोसरे और भागवत साहू ने अपनी कविता में मनुष्य की जिजीविषा को चित्रित किया। सुखदेव सिंह अहिलेश्वर ने गीत के माध्यम से श्रम की महत्ता प्रतिपादित की। नरेन्द्र कुलमित्र ने बड़ी बहन और भाई के रिश्ते पर बड़ी ही संवेदनशील कविता सुनाई। अजय चन्द्रवंशी ने दो धारदार लघु कविताओं में विसंगतियों पर प्रहार किया। महेश आमदे मिथकों के जरिए दंडकारण्य के इतिहास और प्रमुख हस्तियों को लंबी कविता में समेटा। समयलाल ने वामपंथ के महत्व को चंद पक्तियों में बांध दिया। पुष्पांजलि नागले ने मधुर स्वर देते हुए राग सोहनी में वर्षा गीत पढ़ा। नीरज मंजीत ने विज्ञान कविता में विचारों के द्वंद्व को प्रस्तुत किया। राजाराम हलवाई, देवचरण धुरी, विक्रम साहू, दीपक साहू सुधी श्रोता के रूप में उपस्थित थे।