एक्सक्लूसिव न्यूज़कबीरधाम (कवर्धा)क्राइमछत्तीसगढ़

पंडरिया थाने में वर्षों से पदस्थ एवं लोकल पुलिसकर्मियों से निष्पक्ष पुलिसिंग पर उठ रहे सवाल

Editor In Chief 

डॉ मिर्जा कवर्धा 

पंडरिया – कानून व्यवस्था को मजबूत करने और जनता को न्याय दिलाने में पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता और पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण होती है। लेकिन पंडरिया थाना में वर्षों से जमे कुछ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी और लोकल पुलिसकर्मियों के प्रभाव के कारण निष्पक्ष पुलिसिंग पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि वर्षों से पदस्थ पुलिसकर्मी प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आकर कई मामलों में निष्पक्ष कार्यवाही करने से बचते हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है जिससे निष्पक्ष एवं क़ानून सम्मत कार्यवाही प्रभावित हो रही है।

स्थानीय पुलिसकर्मियों से प्रभावित हो रही निष्पक्षता

किसी भी पुलिस थाने में निष्पक्ष कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आवश्यक होता है कि वहां तैनात पुलिसकर्मी बाहरी प्रभाव से मुक्त होकर कार्य करें। लेकिन पंडरिया थाना में कई पुलिसकर्मी लंबे समय से पदस्थ हैं,जिनका स्थानीय प्रभावशाली लोगों एवं आमजनों से गहरा एवं दोस्ताना जुड़ाव हो गया है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि कई मामलों में प्रभावशाली व्यक्तियों एवं परिचित लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जाती है। अपराधियों को संरक्षण मिलने की घटनाएं सामने आई हैं,जिससे कानून के प्रति आम जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है।

ट्रांसफर के बावजूद फिर लौट आते हैं पुलिसकर्मी

सूत्रों के मुताबिक,कई पुलिसकर्मियों का 2 से 3 बार तबादला होने के बावजूद भी वे किसी न किसी तरह दोबारा पंडरिया थाने में पोस्टिंग करवा लेते हैं। पुलिस विभाग में शक्त ट्रांसफर की प्रक्रिया होने के बावजूद भी अपने निवास स्थान के पास स्थित थाने में वापस अपनी पोस्टिंग करा लेते है और अपने स्थानीय होने का प्रभाव दिखाकर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। इस स्थिति का दुष्प्रभाव यह होता है कि पुलिसकर्मी अपने प्रभाव का उपयोग कर कानून के साथ समझौता करने लगते हैं। कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि कार्यवाही से पहले ही संबंधित पक्षों को सूचना दे दी जाती है, जिससे आरोपी खुद को सुरक्षित कर लेते हैं।

रिश्तेदारी और पहचान के नाम पर व्यवस्था प्रभावित

स्थानीय लोगों का कहना है कि थाने में जब कोई शिकायत लेकर जाता है,तो वहां मौजूद लोकल पुलिसकर्मी रिश्तेदारी या जान-पहचान का हवाला देकर आरोपी को राहत दिलाने की कोशिश करते हैं। इससे न्याय प्रक्रिया बाधित होती है और अपराधियों को संरक्षण देने जैसा माहौल बन जाता है। अगर पुलिस प्रशासन प्रभाव में आकर काम करेगा तो जनता का कानून पर भरोसा कम हो जाएगा, जिससे अपराधों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ सकती है।

थाना कार्यों में बढ़ता हस्तक्षेप और निष्पक्षता पर असर

वर्षों से जमे पुलिसकर्मियों का थाना कार्यों में अनुचित हस्तक्षेप भी देखने को मिलता है। कई बार उनके प्रभाव के कारण निष्पक्ष जांच प्रभावित होती है और पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने में कठिनाई होती है। पुलिस विभाग की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि पुलिसकर्मियों का समय-समय पर स्थानांतरण हो,ताकि कोई भी पुलिसकर्मी एक ही स्थान पर वर्षों तक न टिक सके।

स्थानांतरण की मांग तेज

स्थानीय नागरिकों,सामाजिक संगठनों और बुद्धिजीवियों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि पंडरिया थाने में वर्षों से जमे एवं थाना मुख्यालय के आसपास निवास करने वेक पुलिसकर्मियों का तत्काल अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि स्थानांतरण के बाद वे किसी भी तरीके से वापस उसी थाने में तैनात न हो सकें। ऐसा करने से पुलिस व्यवस्था को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने में मदद मिलेगी।

उच्च अधिकारियों को देना होगा ध्यान

इस पूरे मामले को देखते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को तत्काल हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। यदि समय पर इस पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इससे पुलिस प्रशासन की साख पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और जनता का भरोसा कमजोर होगा। निष्पक्ष पुलिसिंग के लिए यह जरूरी है कि पुराने और स्थानीय पुलिसकर्मियों को पंडरिया थाना से हटाकर अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए,ताकि कानून व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई हो सके।

पंडरिया की जनता पुलिस प्रशासन से अपेक्षा करती है कि वह निष्पक्षता और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कार्य करेगा। समय रहते अगर इस स्थिति को नहीं सुधारा गया तो इससे न केवल कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी,बल्कि अपराधों को बढ़ावा भी मिलेगा। उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाएं और निष्पक्ष पुलिसिंग व्यवस्था सुनिश्चित करें।

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

News Desk

Editor in chief, डॉ मिर्जा कवर्धा

संबंधित आलेख

Back to top button
error: Content is protected !!